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Krishna Ranchhod Story
Krishna Ranchhod Story: भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे, वह जो चाहे वो कर सकते थे और कई मौकों पर उन्होंने ऐसा किया भी था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक टाइम पर उन्हें रणभूमि छोड़कर भागना पड़ा था. जिसे सुनकर लोगों के मन में सवाल आता है कि भगवान होने के बावजूद भी वो क्यों रणभूमि से भागे थे. दरअसल, इसके पीछे एक रहस्यमय कहानी है, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते होंगे. आइए आपको बताते है कृष्ण की लीलाओं के बारे में.
शिवजी से मिला था वरदान
दरअसल, कथाओं के अनुसार एक बार मगधराज जरासंध ने भगवान श्रीकृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा था. जरासंध ने युद्ध में अपने साथ यवन देश के राजा कालयवन को भी अपने साथ मिला लिया था. कालयवन को भगवान शिवजी से वरदान मिला था कि ना तो कोई चंद्रवंशी और न ही कोई सूर्यवंशी उसको युद्ध में हरा सकता है. न बल से न हथियार से उसे कोई परास्त कर सकता था.
इसलिए भागे थे रणभूमि से
शिवजी से मिले वरदान की वजह से कालयवन खुद को अमर और अजेय समझने लगा था. जरासंध के कहने पर कालयवन ने अपनी सेना के साथ मथुरा पर हमला कर दिया था. श्रीकृष्ण कालयवण के वरदान के बारे में जानते थे. ऐसे में उनका सुदर्शन चक्र उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता था. जिस वजह से वो रणभूमि छोड़ कर भाग गए थे और एक अंधेरी गुफा में पहुंच गए.
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समझदारी से लिए काम
श्रीकृष्ण जिस गुफा में जाकर छुपे हुए थे, उसमें पहले से ही इक्ष्वाकु नरेश मांधाता के पुत्र और दक्षिण कोसल के राजा मुचकुंद गहरी नींद में सोए हुए थे. दरअसल, ये राजा दानवों को हराने के बाद काफी थक गए थे, जिसके बाद भगवान इंद्र ने उनसे सोने का आग्रह किया और उन्हें वरदान भी दिया कि जो कोई भी उन्हें नींद से जगाएगा वह जलकर भस्म हो जाएगा. तभी कृष्ण ने दिमाग लगाया और कालयवन को भ्रमित करने के लिए अपना पीतांबर राजा मुचकुंद के ऊपर डाल दिया. कालयवन ने श्रीकृष्ण समझ कर राजा मुचकुंद को ही नींद से उठा दिया. कालयवन वहीं जल कर भस्म हो गया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)