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vedic planetarium
Janmashtami 2025: आज पूरे विश्व में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में आज हम कृष्ण भक्तों को विश्व का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर बताने वाले है. ये विशाल कृष्ण मंदिर अयोध्या के राम मंदिर से भी गई गुना बड़ा बन रहा है. देसी हो या विदेशी हर कृष्ण भक्त के पैसे इस मंदिर निर्माण में लग रहे हैं. लगभग 800 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत से यह मंदिर तैयार हुआ है. आइए आपको इस मंदिर के बारे में बताते है.
क्या है इसकी खासियत
कहां है ये मंदिर - भारत के कोलकाता से 130 किलोमीटर दूर पश्चिमी बंगाल के नदिया जिले के मायापुर में ये कृष्ण मंदिर तैयार हो रहा है.
किसने बनवाया ये कृष्ण मंदिर - इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्सियशनेस जिसे इस्कॉन (ISKCON) कहते हैं. उन्होंने इस मंदिर का निर्माण किया है.
मंदिर का चेयरमैन कौन है - मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कृष्णा मंदिर का चेयरमैन एक अमेरिकन है. यूएस की मशहूर ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ट के संस्थापक अल्फ्रेड फोर्ड इस मंदिर के चेयरमैन हैं
कितना बड़ा है ये कृष्ण मंदिर - 6 लाख स्क्वायर फीट से भी ज्यादा जगह में ये मंदिर मबन रहा है. मंदिर की 7 मंजिला इमारत में 1.5 एकड़ में फैला एक कीर्तन हॉल होगा जिसमें एक साथ 10,000 श्रद्धालू भगवान कृष्ण के दर्शन कर पाएंगे.
मंदिर में और क्या-क्या है - 7 फ्लोर के इस मंदिर में यूटिलिटी फ्लोर, टेंपल फ्लोर, पुजारी फ्लोर, टीचिंग फ्लोर के अलावा म्यूजियम फ्लोर भी शामिल हैं.
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दुनिया का सबसे बड़ा पुजारी फ्लोर - 2.5 एकड़ का मंदिर में पुजारी फ्लोर होगा जहां एक साथ वो जमा होकर भगवान कृष्ण की पूजा की तैयारी करेंगे
मंदिर का विशाल गार्डन - 45 एकड़ में इस कृष्ण मंदिर का गार्डन एरिया बनाया जा रहा है जिसकी खूबसूरती विश्व स्तर की होगी.
विदेशों से आया है मार्बल दुनिया के कई अलग-अलग देशों से इस मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले मार्बल मंगवाए गए हैं. मंदिर की उंचाई 350 फीट होगी और मंदिर के शीर्ष पर लगा गुंबद का व्यास 177 मीटर का होगा.
मंदिर का थीम - वेस्टर्न और वैदिक कल्चर को मिलाकर मंदिर का इंटीरियर तैयार किया गया है. इस मंदिर की खूबसूरती देखने लायक है. इंटीरियर डिजाइन में एक ओर जहां आपको पश्चिमी शैली की झलक देखने को मिलेगी वगीं मंदिर का वातावरण वैदिक संस्कृति का अहसास कराता नजर आएगा. ये मंदिर कोलकत्ता से भी 130 किलोमीटर की दूरी पर होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)