/newsnation/media/media_files/2025/08/15/krishna-janmashtami-2025-what-is-chhappan-bhog-56-bhog-me-kya-kya-hota-hai-2025-08-15-11-46-29.jpg)
krishna-janmashtami-2025 what-is-chhappan-bhog 56-bhog-me-kya-kya hota-hai Photograph: (social media)
Krishna Janmashtami 2025: भगवान कृष्ण के जन्मदिन को भारत में कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को 56 भोग लगाने का प्रचलन है. मगर, आज भी कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि 56 भोग में कौन-कौन से चीजें शामिल होती हैं. अगर आप भी 56 भोग में शामिल होने वाले खाद्द पदार्थों के बारे में नहीं जानते, तो कोई बात नहीं. इस आर्टिकल में हम आपको उनके बारे में बताने वाले हैं. इसे जान लीजिए और इस बार जन्माष्टमी पर कृष्ण भगवान को 56 भोग लगाकर मन मांगा वर मांग लीजिए.
जन्माष्टमी पर क्यों लगता है छप्पन भोग?
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के विविध व्यंजन का भोग लगाया जाता है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि आखिर इसके पीछे की मान्यता क्या है? वैसे तो इसके पीछे 2 अलग-अलग मान्याताएं प्रचलित हैं.
पहली मान्यता के अनुसार, श्रीमद्भागवत महापुराण में बताया गया है कि एक बार कृष्ण के प्रति प्रेम में डूबी गोपिओं ने यमुना में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान किया और मां कात्यायनी से मन्नत मांगी कि उन्हें श्री कृष्ण पति के रूप में प्राप्त हों. गोपियों ने मन्नत के बदले मां कात्यायनी को 56 प्रकार के आहार देने की वचनबद्धता की, जिससे छप्पन भोग की परंपरा शुरू हुई और हर कृष्ण जन्माष्टमी पर ये भोग लगाया जाता है.
दूसरी मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र को सिखाने के लिए 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाए रखा था. इस दौरान इंद्रदेव को भोजन नहीं मिला, जिसके बाद श्री कृष्ण को सात दिनों के लिए 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए.
56 भोग में शामिल होती हैं ये चीजें
भक्त (भात)
सूप (दाल)
प्रलेह (चटनी)
सदिका (कढ़ी)
दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी)
सिखरिणी (सिखरन)
अवलेह (शरबत)
बालका (बाटी)
इक्षु खेरिणी (मुरब्बा)
त्रिकोण (शर्करा युक्त)
बटक (बड़ा)
मधु शीर्षक (मठरी)
फेणिका (फेनी)
परिष्टश्च (पूरी)
शतपत्र (खजला)
सधिद्रक (घेवर)
चक्राम (मालपुआ)
चिल्डिका (चोला)
सुधाकुंडलिका (जलेबी)
धृतपूर (मेसू)
वायुपूर (रसगुल्ला)
चन्द्रकला (पगी हुई)
दधि (महारायता)
स्थूली (थूली)
कर्पूरनाड़ी (लौंगपुरी)
खंड मंडल (खुरमा)
गोधूम (दलिया)
परिखा
सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त)
दधिरूप (बिलसारू)
मोदक (लड्डू)
शाक (साग)
सौधान (अधानौ अचार)
मंडका (मोठ)
पायस (खीर)
दधि (दही)
गोघृत (गाय का घी)
हैयंगपीनम (मक्खन)
मंडूरी (मलाई)
कूपिका (रबड़ी)
पर्पट (पापड़)
शक्तिका (सीरा)
लसिका (लस्सी)
सुवत
संघाय (मोहन)
सुफला (सुपारी)
सिता (इलायची)
फल
तांबूल
मोहन भोग
लवण
कषाय
मधुर
तिक्त
कटु
अम्ल
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन केधर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)