जन्माष्टमी पर इन चीजों का करें दान, हर मनोकामना होगी पूरी

Janmashtami 2025: इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जा रहा है. शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी के दिन किया गया दान पुण्य में गिना जाता है और विशेष फलदायी होता है खासकर जब दान भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय वस्तुओं का हो.

Janmashtami 2025: इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जा रहा है. शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी के दिन किया गया दान पुण्य में गिना जाता है और विशेष फलदायी होता है खासकर जब दान भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय वस्तुओं का हो.

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Nidhi Sharma
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Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी का दिन ना सिर्फ एक त्योहार है बल्कि यह भगवान की लीलाओं की याद दिलाने वाला एक पावन दिन है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, झांकियां सजाते हैं और रात 12 बजे बाल कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं. मान्यता है कि जो भक्त इस दिन सच्चे मन से व्रत करता है और भगवान को उनकी प्रिय वस्तुओं का दान करता है, उसके जीवन से दुख-दरिद्रता दूर हो जाती है और सौभाग्य आता है.

क्यों होता है खास?

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन है, जो अंधकार से प्रकाश और अधर्म से धर्म की जीत का प्रतीक है. इस दिन किया गया दान बहुत फलदायी होता है और जीवन से दुख, दरिद्रता दूर करता है. भगवान कृष्ण को प्रिय चीजों जैसे माखन, मिश्री, फल, वस्त्र और अनाज का दान करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है.

अनाज का दान

जन्माष्टमी जैसे पावन अवसर पर अनाज का दान करना अत्यंत शुभ और पुण्यकारी माना जाता है. अनाज जीवन का मूल आधार है और यह हर परिवार की जरूरत होती है. जरूरतमंदों को अनाज दान करने से न केवल उनकी भूख मिटती है, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का संचार होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अनाज दान करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और घर-परिवार में समृद्धि आती है.

माखन और मिश्री का दान

भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री बेहद प्रिय हैं. माखन, जो गाय के दूध से बनता है, उनकी बाल लीलाओं का प्रमुख हिस्सा रहा है. जन्माष्टमी के दिन माखन और मिश्री दान करना भगवान को खुश करने का खास तरीका है. इसे दान करने से हमारे जीवन में मिठास और खुशी आती है, साथ ही मनोकामनाएं पूरी होने की भी कामना होती है. यह दान हमारे रिश्तों और परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ाता है.

फल या मिठाई का दान

जन्माष्टमी के पावन दिन गरीबों और जरूरतमंदों को फल या मिठाई दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह दान हमारे घर में बरकत और समृद्धि लेकर आता है. साथ ही, फल और मिठाई का दान बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी खुशी का कारण बनता है, जिससे उनकी खुशहाली बनी रहती है.

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मोर पंख का दान

मोरपंख भगवान कृष्ण के मुकुट की शोभा बढ़ाने वाला प्रतीक है. मोरपंख का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है. इसे मंदिरों या ब्राह्मणों को देने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और वातावरण स्वच्छ होता है. मोरपंख का दान आध्यात्मिक शुद्धता और मानसिक शांति का भी संकेत माना जाता है.

वस्त्र और चरण पादुका का दान

नए वस्त्र और चरण पादुका (चप्पल या जूते) दान करना भी बहुत पुण्य का काम है. विशेष रूप से बच्चों को वस्त्र या चरण पादुका भेंट करने से उनके जीवन में शुभता आती है. यह दान दाता के जीवन में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि का मार्ग खोलता है. वस्त्र दान करने से गरिमा और सम्मान की वृद्धि होती है, जबकि चरण पादुका का दान भगवान के चरणों की सेवा के समान माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) 

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