/newsnation/media/media_files/2025/08/16/bhagavata-2025-08-16-12-29-18.jpg)
Bhagavata
Krishna Janmashtami 2025: श्रीमद्धागवतपुराण में भागवत कथा के श्रवण से मनुष्यों को पुण्यों की प्राप्ति होती है. कई दुख दूर हो जाते है. चतुर्मास में खास तौर पर भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए. शास्त्रों में लिखा गया है कि जो इसका पाठ करता है, उसे प्रत्येक अक्षरपर कपिला गौ के दान का फल मिलता है. इस जन्माष्टमी पर जानिए क्या वाकई भगवत गीता का पाठ करने से इंसान के वश में हो जाते है श्रीकृष्ण. आइए आपको बताते है.
घर पर होता है भगवान का वास
पुराणों में यह भी बताया गया है कि जो इसका पाठ अपने घर में करता है, भगवान उसके यहां निवास करते हैं. जो प्रतिदिन श्रीमद्धागवतके आधे या चौथाई श्लोक का पाठ करता अथवा सुनता है, उसे सहस्र गोदानका फल मिलता है. जो रोजाना भागवत के श्लोक का पाठ करता है, उसे अठारह पुराणों के पाठ करने का फल मिलता है.
भक्त के वश में होते हैं
वहीं ऐसा माना जाता है कि जिसके घर मे भागवत का एक या आधा श्लोक भी लिखकर रखा हुआ है, उसके यहां श्री हरि स्वयं निवास करते हैं. जो श्रीमद्धागवत का दर्शन करके उठकर खड़ा हो जाता ओर बारंबार प्रणाम के द्वारा उसका सम्मान करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है . जो श्रीमद्धागवतको सुनते है, भगवान श्रीहरि उनके वश में हो जाते हैं.
पाप से मुक्त
ठीक उसी तरह जैसे साध्वी स्त्री अपने पति को वश में कर लेती है. इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि धर्मबुद्धि पुरुष को पाप के नाश ओर मोक्ष की प्राप्ति के लिए हमेशा भागवतशास्त्र सुनना चाहिए . श्रीमद्भागवत परम पवित्र, आयु, आरोग्य तथा पुष्टि को देने वाला है . इसके पढ़ने ओर सुनने से मनुष्य सब पापो से मुक्त हो जाता है.
ये भी पढ़ें-पाकिस्तान में इस तरह मनाई जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भक्त चढ़ाते हैं 56 भोग
यमराज का प्रभाव
खास कर कलियुग में जो घर पर प्रतिदिन भागवतशास्त्र की पूजा करते हैं, उनके ऊपर भगवान उन पर प्रसन्न रहते हैं. कलियुग में जहां -जहां परम पवित्र भागवतशास्त्र रहता है, वहां भगवान विष्णु सम्पूर्ण देवताओं के साथ निवास करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो श्रीमद्धागवत को न तो सुनते हैं ओर न सुनकर प्रसन्न ही होते हैं, उनपर सदा यमराज का प्रभाव रहता है .
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)