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Yogini Ekadashi 2022 Special: देवों के सोने से पहले क्यों योगिनी एकादशी को माना जाता है खास, जानें इसकी वजह

आषाढ़ माह (ashadh month 2022) के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी (yogini ekadashi 2022) कहा जाता है. इस साल योगिनी एकादशी 24 जून 2022 को मनाई जाएगी. चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर आषाढ़ माह (ashadh month) में पड़ने वाली एकादशी खास क्यों होती है.

Updated on: 23 Jun 2022, 01:13 PM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में एकादशी (ekadashi) का विशेष महत्व होता है. हर महीने में दो बार एकादशी आती है. जिसमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी (yogini ekadashi 2022) कहा जाता है. माना जाता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. इस साल योगिनी एकादशी 24 जून 2022 को मनाई जाएगी. चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर आषाढ़ माह (ashadh month) में पड़ने वाली एकादशी खास क्यों होती है. 

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आषाढ़ माह की एकादशी क्यों होती है खास -

योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी (devshayani ekadashi 2022) का व्रत रखा जाता है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दौरान भगवान शंकर सृष्टि का संचालन किया जाता है. इसके बाद शुभ कार्य पूरी तरह से वर्जित हो जाते हैं.

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इसलिए योगिनी एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण (yogini ekadashi 2022 special) समझा जाता है. इसके अलावा, निर्जला एकादशी (nirjala ekadashi 2022) और देवशयनी एकादशी जैसी महत्वपूर्ण एकादशी के बीच योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस वजह से भी इसका महत्व काफी बढ़ जाता है.