Navpancham Yoga: हिंदू ज्योतिष शास्त्र में बुध और गुरु की नवपंचम दृष्टि को अत्यंत शुभ माना जाता है. जब बुध और गुरु 120° के कोण पर स्थित होते हैं, तो ये एक सौम्य और शुभ योग बनाता है, जो ज्ञान, बुद्धि, धन, व्यापार और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा देता है. गुरु ज्ञान के कारक हैं और बुध बुद्धि व तर्कशक्ति के, जब ये दोनों ग्रह नवपंचम दृष्टि में होते हैं, तो यह योग विद्या, शिक्षा और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है. इस दौरान गुरु और विद्वानों का सम्मान करने से विशेष लाभ होता है. इसे धार्मिक अनुष्ठान और तीर्थ यात्रा के के लिए भी श्रेष्ठ समय माना जाता है. इस योग के प्रभाव में किए गए पुण्य कार्य, हवन, मंत्र जाप और दान विशेष फलदायी होते हैं. गुरु संतान, धर्म और शुभ कर्मों के कारक हैं, वहीं बुध बुद्धि और संवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस दृष्टि के दौरान संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण हो सकती है और व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक विकास होता है.
इन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ
वृषभ (Taurus)
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध और गुरु का ये संयोग आर्थिक उन्नति के संकेत दे रहा है. करियर में तरक्की होगी, विशेष रूप से बैंकिंग, शिक्षा और संचार क्षेत्र से जुड़े लोगों को सफलता मिलेगी.
सिंह (Leo)
इस नवपंचम संयोग से सिंह राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा. अगर कोई नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं, तो ये समय आपके लिए अनुकूल रहेगा. विद्यार्थियों के लिए भी यह समय बेहद शुभ रहेगा.
तुला (Libra)
तुला राशि के जातकों के लिए यह संयोग आर्थिक लाभ और नए अवसर लेकर आएगा. नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन मिल सकता है और व्यापारियों को अच्छा मुनाफा हो सकता है.
धनु (Sagittarius)
बुध और गुरु की यह दृष्टि धनु राशि वालों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति लेकर आएगी. यात्रा के योग बन सकते हैं और किसी नए काम में सफलता मिलने के प्रबल संकेत हैं.
मीन (Pisces)
मीन राशि के जातकों को विद्या, संतान और प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी. जो लोग शेयर बाजार या निवेश से जुड़े हैं, उनके लिए भी यह संयोग फायदेमंद साबित होगा.
नवपंचम संयोग का ज्योतिषीय महत्व (Astrological importance of Navpancham conjunction)
गुरु धन और समृद्धि के ग्रह हैं, जबकि बुध व्यापार और संचार के कारक. जब ये दोनों ग्रह 120° (नवपंचम दृष्टि) में होते हैं, तो व्यापार में उन्नति, नए अवसर और वित्तीय स्थिरता प्राप्त होती है. ये दृष्टि तेज बुद्धि, तर्क शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत बनाती है. इस समय नए विचार, लेखन, पढ़ाई और नई योजनाओं की शुरुआत करना लाभकारी होता है. बुध वाणी और संवाद कला के स्वामी हैं, जबकि गुरु ज्ञान और अनुशासन के प्रतीक हैं. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति अपनी वाणी से लोगों को प्रभावित कर सकता है. राजनीति, शिक्षा, लेखन और अध्यापन से जुड़े लोगों को इसका विशेष लाभ मिलता है.
उपाय
- गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.
- बुधवार और गुरुवार को पीले व हरे वस्त्र धारण करें.
- गाय को हरा चारा और पीली दाल खिलाएं.
- बुध व गुरु मंत्र का जाप करें -
ॐ बृं बृहस्पतये नमः (गुरु के लिए)
ॐ बुं बुधाय नमः (बुध के लिए)
- विद्या और व्यापार में उन्नति के लिए गणेश और सरस्वती की आराधना करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)