logo-image

Tulsidas Jayanti 2022 Shubh Muhurat and Chaupai: तुलसीदास जयंती पर इस शुभ मुहूर्त में पढ़ें ये चौपाई, आसानी से पार होगी जीवन की हर कठिनाई

तुलसीदास जयंती (tulsidas jayanti 2022) आज यानी 4 अगस्त को मनाई जाएगी. सन् 1554 में जन्म लेने वाले संत तुलसीदास (tulsidas jayanti 2022 facts) ने रामचरितमानस की रचना की जो कि अमर काव्यों में से एक है.

Updated on: 04 Aug 2022, 08:45 AM

नई दिल्ली:

सावन के महीने (sawan 2022) में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती (tulsidas jayanti 2022) मनाई जाती है. इस साल तुलसीदास जयंती आज यानी 4 अगस्त को मनाई जाएगी. गोस्वामी तुलसीदास जी वे जनकवि थे जिन्होंने वाल्मीकि रामायण का रूपांतरण आम बोलचाल की भाषा में किया था जिसे रामचरितमानस (tulsidas jayanti 2022 Historical facts) के रूप में जाना जाता है. वे 16वीं सदी के महान संत और कवियों में एक माने जाते हैं. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर नामक गांव में हुआ था. सन् 1554 में जन्म लेने वाले संत तुलसीदास (tulsidas jayanti 2022 facts) ने रामचरितमानस की रचना की जो कि अमर काव्यों में से एक है. इसके अलावा उन्होनें गीतावली, कवितावली, विनयपत्रिका, जानकी मंगल और बरवै रामायण सहित 12 ग्रंथों की रचना की है.  तो, चलिए आपको तुलसीदास जयंकी के शुभ मुहूर्त और चौपाइयों के बारे में बताते हैं.          

यह भी पढ़े : Diyawannath Temple Jaunpur: प्रयागराज में इस मंदिर के शिवलिंग की शत्रुघ्न ने की थी स्थापना, पांच सौ साल है पुराना

तुलसीदास जयंती 2022 शुभ मुहूर्त -  

तुलसीदास जयंती प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त, गुरुवार को मनाई जाएगी. पंचांग के मुताबिक सप्तमी तिथि का आरंभ 4 अगस्त को सुबह 5 बजकर 40 मिनट से हो रही है. जबकि सप्तमी तिथि की समाप्ति 5 अगस्त को सुबह 5 बजकर 6 मिनट (tulsidas jayanti 2022 shubh muhurat) पर होगी.        

यह भी पढ़े : Sawan 2022 Baba Prithvinath Mahadev Mandir: दुनिया का सबसे गजब महादेव मंदिर, पांडू पुत्र भीम ने किया था स्थापित... ऊंचाई जान उड़ जाएंगे होश

तुलसीदास जयंती 2022 चौपाई -  (tulsidas jayanti 2022 chaupaai)  

प्रभु श्री राम के शरण में 
सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना।।        

आजीविका के लिए
बिस्व भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत असहोई।।

शत्रुओं से मुक्ति के लिए
बयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।

संपत्ति में वृद्धि के लिए
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।