Hanuman Ji Mythological Story: हनुमान जी की भक्ति में बड़ी शक्ति है, उन्हें भगवान शिव का 11 वां रुद्र अवतार भी कहा जाता है. उनकी महिमा और अद्भुत शक्ति के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रसिद्ध हैं. भगवान शिव के अंश होने के कारण हनुमान जी में असीम शक्ति थी. वे अत्यंत ज्ञानी थे और वेदों के ज्ञाता थे. पौराणिक कथा के अनुसार माता अंजना एक अप्सरा थीं जिन्हें एक ऋषि के श्राप के कारण वानर योनि में जन्म लेना पड़ा. इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने घोर तपस्या शुरू की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा.
शिव का अवतार और हनुमान जी का जन्म
माता अंजना ने विनम्रता से भगवान शिव से प्रार्थना की, "मुझे ऐसा पुत्र प्रदान करें जो बल में रुद्र के समान बलशाली, गति में वायु की भांति तेज और बुद्धि में गणपति के समान हो." माता अंजना की प्रार्थना को सुनकर भगवान शिव ने उन्हें वचन दिया कि वे उनके पुत्र के रूप में जन्म लेंगे. वहीं, राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ से उत्पन्न खीर को वायु देवता ने अंजना तक पहुंचाया. इस दिव्य प्रसाद के फलस्वरूप अंजना ने एक दिव्य पुत्र को जन्म दिया जो भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार था.
हनुमान जी के व्यक्तित्व में माता अंजना की प्रार्थना पूरी तरह झलकती है. वे बलशाली और अजय योद्धा हैं, जो रुद्र रूप के प्रतीक हैं. वायु देवता से वरदान प्राप्त होने के कारण वे गति में अद्वितीय हैं. गणपति के समान उनकी बुद्धिमत्ता और चतुराई ने उन्हें रामकथा का अमर पात्र बना दिया. हनुमान जी का जन्म धर्म की रक्षा और भक्तों की सहायता के लिए हुआ. उनके रुद्र स्वरूप में शिव का तेज और अंजना की प्रार्थना का आशीर्वाद है.
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