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Sawan 2021: अगर चाहते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करना तो सावन में ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

हिन्दू और सनातन धर्म में सावन के महीने (Sawan 2021) को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. सावन के महीने (Sawan Month) का अपना अलग ही महत्व है. सावन की महीना भगवन शिव को समर्पित है.

Updated on: 19 Jul 2021, 04:57 PM

highlights

  • इस बार सावन (Sawan 2021) में 4 सोमवार पड़ रहे हैं
  • सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है

 

दिल्ली:

हिन्दू और सनातन धर्म में सावन के महीने (Sawan 2021) को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. सावन के महीने (Sawan Month) का अपना अलग ही महत्व है.  सावन की महीना भगवन शिव को समर्पित है. पुरे महीने लोग भगवन शिव की पूजा अर्चना में लगे होते हैं. सावन के महीने के सोमवार का और भी अधिक महत्व होता है. माना जाता है कि इस माह में शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस साल 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा. 25 जुलाई से 22 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा.

इस वर्ष सावन में होंगे 4 सोमवार
भगवान में श्रद्धा रखने वाले हर साल सावन में सोमवार के व्रत करते हैं. इस बार सावन (Sawan 2021) में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है. इस दौरान जिन भक्तों को शिव-पार्वती को प्रसन्न करना है वह पूरे विधि-विधान से व्रत और पूजा अर्चना करें. 

सावन सोमवार लिस्ट

पहला सोमवार-  26 जुलाई 
दूसरा सोमवार- 02 अगस्त    
तीसरा सोमवार-  09 अगस्त    
चौथा सोमवार- 16 अगस्त   

क्या है सावन महीने का महत्व

हिंदू धर्म में सावन के महीने को संबसे पवित्र माना गया है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है. माना जाता है कि जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आ रही हैं उन्हें सावन के महीने में भगवान शिव की  विशेष पूजा करनी चाहिए। इससे विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।  सावन में भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

ऐसे करें भगवन शिव की पूजा 

  • घर में बने पूजा के स्थान पर ज्योत जलाएं 
  • शिवजी की पूजा के लिए सबसे पहले उनका जलाभिषेक करें
  • अगर घर में शिवलिंग है तो गंगा जल और दूध चढ़ाएं या पास के मंदिर जाकर भी पूजा कर सकते हैं
  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें
  • इसके बाद शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाएं, याद रहे बेलपत्र हमेशा 5, 7, 11 या 21 आदि ही हों
  • फिर भगवान शिव की आरती करें
  • इसके बाद उन्हें मीठे या फल आदि का भोग लगाएं