गणेश चतुर्थी पर अगर करते हैं चांद के दर्शन, इस वजह से लग जाता है कलंक
इस साल चैत्र महीने (chaitra month 2022) की विनायक चतुर्थी (vinayak chaturthi 2022) 5 अप्रैल यानी कि मंगलवार को पड़ रही है. माना जाता है कि चतुर्थी (vinayak chaturthi katha) के दिन चंद्रमा को देखने से लोगों पर झूठे कलंक लगते हैं.
नई दिल्ली:
इस साल चैत्र महीने की विनायक चतुर्थी (vinayak chaturthi 2022) 5 अप्रैल यानी कि मंगलवार को पड़ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष में आती है. तो, दूसरी कृष्ण पक्ष में पड़ती है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. चतुर्थी तिथि गणेश जी को अत्यंत प्रिय है. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश (lord ganesha) की पूजा-अर्चना की जाती है. गणेश जी (april vinayak chaturthi 2022) को सभी संकटों को दूर करने वाला और विघ्नहर्ता माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि जो भी लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना रोजाना करते हैं, उनके घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है.
यह भी पढ़े : Vastu Tips For Money: शाम के वक्त अगर किए ये काम, लौट जाएगी लक्ष्मी - हो जाएंगे कंगाल
विनायक चतुर्थी पर व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा दोपहर तक कर लेते हैं, क्योंकि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है. माना जाता है कि चतुर्थी (vinayak chaturthi katha) के दिन चंद्रमा को देखने से लोगों पर झूठे कलंक लगते हैं. तो, चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन चंद्रमा (ganesh chaturthi 2022) क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्रमा और इसके पीछे की मान्यता क्या है.
गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखते चंद्रमा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहे क्योंकि चंद्रमा को अपने सौंदर्य पर अभिमान था. इस बात से क्रोध में आकर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे. जिसके बाद चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ. उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी तो गणेश जी ने कहा कि सूर्य का प्रकाश पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे, लेकिन चतुर्थी का ये दिन तुम्हें दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा. गणेश जी ने ही चंद्रमा को श्राप दिया था कि जो भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा (ganesh chaturthi moon not seen) आरोप लगेगा.
क्यों कहा जाता है कलंक चतुर्थी
चतुर्थी की रात चांद को सीधे देखने से मना किया जाता है. यही वजह है कि करवा चौथ के दिन भी चांद का दर्शन छलनी या दुपट्टे से किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने पर इंसान पर झूठे कलंक लगते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिसकी वजह से उन पर मणिचोरी का झूठा आरोप लग गया था. इसलिए, गणेश चतुर्थी को 'कलंक चतुर्थी' भी कहा जाता है और चंद्र दर्शन करने (ganesh chaturthi called kalank chaturthi) से मना किया जाता है.
यह भी पढ़े : Saraswati Mata Aarti: सरस्वती मां की करेंगे ये आरती, उनके आशीर्वाद से होगी ज्ञान की प्राप्ति
गणेश चतुर्थी को लगाएं मोदक का भोग
भगवान गणेश को मोदक बेहद पसंद होते हैं. ऐसे में अगर आपको उनकी कृपा पानी है तो चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं. कहा जाता है कि चतुर्थी के दिन भगवान गणेश (ganesh chaturthi avoid it) को मोदक चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं बहुत ही जल्दी पूरी हो (ganesh chaturthi reason) जाती हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: दिल्ली के प्राचीन हनुमान मंदिर में आज लगी है जबरदस्त भीड़, जानें इसका इतिहास
-
Jyotish Upay: आधी रात में भूत-प्रेत के डर से बचने के लिए मंत्र और उपाय
-
Hanuman Jayanti 2024 Wishes: आज हनुमान जयंती की पूजा के ये हैं 3 शुभ मुहूर्त, इन शुभ संदेशों के साथ करें सबको विश
-
Maa Laxmi Upay: देवी लक्ष्मी की चैत्र पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, पाएं धन-वैभव और समृद्धि