logo-image

इस मंदिर को माना जाता है श्रापित, जिसमें भगवान के दर्शन करने से महिलाएं हो जाती हैं विधवा

Secret of Kartikeya Temple: हमारे देश में हर मंदिर की अपनी अलग पहचान और मान्यता है. आज हम अपने देश के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे श्रापित माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में महिलाएं भगवान के दर्शन नहीं कर सकतीं.

Updated on: 07 Oct 2023, 01:05 PM

highlights

  • इस मंदिर में भगवान के दर्शन नहीं कर सकती महिलाएं
  • भगवान के दर्शन करने से हो जाती हैं विधवा
  • छोटी बच्चियों के भी दर्शन करने पर है रोक

New Delhi:

Secret of Kartikeya Temple: हमारे देश में लाखों मंदिर हैं जहां भक्त दर्शन कर भगवान से अपनी कामनाएं पूरी होने की प्रार्थन का करते हैं. लेकिन कई मंदिरों को श्रापित भी माना जाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे श्रापित माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में अगर किसी महिला ने भगवान के दर्शन कर लिए तो वह विधवा हो जाती है. ये मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया. जहां भगवान कृष्ण ने गीता के उपदेश दिए थे. इसी लिए कुरुक्षेत्र की भूमि को आज भी धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

ये भी पढ़ें: दुनिया के इन देशों में नहीं रहता कोई भारतीय, पाकिस्तान ही नहीं यूरोप के ये देश भी हैं शामिल

भगवान शिव के पुत्र का मंदिर

बता दें कि हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु कुरुक्षेत्र की पावन भूमि के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ये श्रापित मंदिर कुरुक्षेत्र में ही है. कुरुक्षेत्र से करीब 20 किमी दूर पिहोवा में स्थित सरस्वती तीर्थ पर भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का मंदिर है. इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान कार्तिकेय की पिंडी मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि पिंडी का महिलाओं को दर्शन नहीं करने चाहिए. अगर कोई महिला ऐसा करती है तो उसके पति की मृत्यु हो जाती है और वह सात जन्मों तक विधवा रहती है.

मंदिर के बाहर लगा है बोर्ड

इसीलिए मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है. जिसमें इसी बात का जिक्र है कि महिलाएं मंदिर में पिंडी के दर्शन न करें. इसके साथ ही मंदिर में प्रवेश करने पर स्थानीय महंत भी महिलाओं को इस बात की जानकारी देते हैं. इसीलिए महिलाओं को हिदायत दी जाती है कि वह गर्भगृह के बाहर से ही कार्तिकेय महाराज का आशीर्वाद लें. बता दें कि सबसे अनोखी बात ये है कि ये नियम सिर्फ महिलाओं पर लागू नहीं है, बल्कि छोटी और नवजात बच्चियों को भी गर्भगृह में प्रवेश करने की मनाही है.

ये भी पढ़ें: इस द्वीप को माना जाता है कि शापित, जहां दफन हैं डेढ़ लाख से ज्यादा लाशें

भगवान कार्तिकेय की पिंडी पर चढ़ाया जाता है तेल

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कार्तिकेय महाराज की पिंडी पर सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, कार्तिकेय ने मां पार्वती से क्रोधित होकर अपने अपने शरीर का मांस और रक्त अग्नि को समर्पित कर दिया था. तब भगवान शिव ने उन्हें पिहोवा तीर्थ पर जाने के लिए कहा था. इसके साथ ये भी मान्यता है कि कार्तिकेय के गर्म शरीर को ठंडा करने के लिए ऋषि-मुनियों ने सरसों का तेल उन पर चढ़ाया था. जब उनके शरीर को शीतला मिल गई तो कार्तिकेय पिहोवा तीर्थ पर ही पिंडी के रूप में विराजित हो गए.