नवरात्रि में जरूरी है कन्या पूजन, जानें इसका महत्व और रखें इन नियमों का ध्यान
हिंदू धर्म में नवरात्रों की बहुत मान्यता है. ऐसे में आज अष्टमी का दिन है. जहां हर तरफ छोटी-छोटी बच्चियों की चहल-पहल देखने को मिल रही है. बता दें, इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को घर-घर बुलाकर भोजन कराया जाता है. भोजन में हलवा-पूड़ी और चने खिलाए जाते हैं.
नई दिल्ली:
हिंदू धर्म में नवरात्रों की बहुत मान्यता है. ऐसे में आज अष्टमी का दिन है. जहां हर तरफ छोटी-छोटी बच्चियों की चहल-पहल देखने को मिल रही है. बता दें, इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को घर-घर बुलाकर भोजन कराया जाता है. भोजन में हलवा-पूड़ी और चने खिलाए जाते हैं. ये सब होगा कल भी क्योंकि कल नवमी है. ये तो कई लोग ये नहीं जानते कि इस कन्या पूजा का महत्व आखिर क्या है. तो चलिए हम बता देते हैं कि आखिर नवरात्रों के दिनों में कन्या पूजा का महत्व क्या है और क्यों छोटी-छोटी कन्याओं को देवी मां की तरह पूजा जाता है.
सबसे पहले आपको बता देते हैं कि आखिर कन्या पूजन होता क्यों है. तो ये माना जाता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार देवराज इंद्र ने ब्रह्मा इंद्र से भगवती देवी को प्रसन्न करने का उपाय पूछा था. तो ब्रह्मा जी ने देवी को प्रसन्न करने का उपाय कुमारी पूजन बताया था. इसलिए तभी से नवरात्रों में देवी मां को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है. जिससे घर में सुख और शांति आती है. इसके साथ ही ये जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर कन्या पूजन के दौरान किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.
तो ये तो सभी को पता है कि नवरात्रि के व्रत कन्या पूजन करने के बाद ही पूरे माने जाते हैं. कहा जाता है कि अगर किसी ने नवरात्र के व्रत रखे है और वो आखिरी में कन्या भोजन न कराएं. तो उसकी पूजा सफल नहीं होती. लेकिन, इसे करने से पहले भी कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
जिसमें सबसे पहले आता है कि कन्या पूजन के दौरान इस बात का ध्यान जरूर रखें कि जिस जगह कन्याएं बैठने वाली है. वहां की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए. क्योंकि मां दुर्गा को सफाई बेहद प्यारी होती है. साथ ही याद रहे कि कन्या भोज से पहले मां दुर्गा को भोग जरूर लगाएं. फिर उन कन्याओं को हलवा-पूड़ी और चने जरूर खिलाने चाहिए. ये खिलाना बहुत शुभ माना जाता है.
कन्या पूजन में केवल 2 साल से 10 साल तक की उम्र की कन्याओं को ही बैठाना चाहिए और साथ में एक छोटे-से लड़के को भी लांगुरा के रूप में बैठाना चाहिए क्योंकि लड़के को भैरव बाबा का रूप माना जाता है. वैसे तो नवरात्रि में कन्या भोजन के लिए 9 को सही संख्या माना जाता है. लेकिन, लोग अपने अनुसार इस संख्या को कम या ज्यादा कर लेते हैं. जो कि गलत नहीं है. अब, 9 कन्याएं ही क्यों. इसकी भी वजह बता देते हैं. इसकी वजह ये है कि 9 कन्याओं की देवी के 9 रूप मानकर पूजा की जाती है. साथ ही कन्या पूजन के दौरान उन्हें टीका लगाकर हाथों में रक्षा धागा जरूर बांधना चाहिए. उसके बाद उन्हें या तो उपहार या दक्षिणा देनी चाहिए. आखिरी में उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी