Chaitra Purnima 2022: चैत्र पूर्णिमा पर अपनाएं पूजा विधि और करें ये उपाय, जीवन में धन और सुख-समृद्धि पाएं

चैत्र के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा (chaitra purnima 2022) चैती पूनम वगैराह के नाम से जाना जाता है. तो, चलिए आपको 16 अप्रैल को पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में बताते हैं.

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Megha Jain
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Chaitra Purnima 2022 puja vidhi, importance and upay

Chaitra Purnima 2022 puja vidhi, importance and upay( Photo Credit : social media)

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा (chaitra purnima 2022) का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है. इसके अलावा इसी दिन ब्रज नगरी में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव रचाया था. माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य के कार्य करने से समस्त प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है. चैत्र के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा, चैती पूनम वगैराह के नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा तिथि पर भगवान नारायण की पूजा और व्रत किया जाता है. रात के समय चंद्रमा की (chaitra purnima vrat april 2022) पूजा करके अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. इस बार चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल (chaitra purnima 16 april 2022) की है. इस दिन नदी, तीर्थ, सरोबर और जलकुंड में स्नान करके दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. तो, चलिए आपको चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में बताते हैं.  

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चैत्र पूर्णिमा का महत्व  
चैत्र पूर्णिमा हिन्दू नव वर्ष की प्रथम पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है. चैती पूर्णिमा के अवसर पर जो भक्त श्री हरि विष्णु की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं उन्हें सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण का व्रत करने से लोगों (chaitra purnima 2022 importance) को सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. 

चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि 
चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान वगैराह करें. इसके बाद चैत्र पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लें. इसके बाद श्री विष्णु की पूजा करें. अगर संभव हो तो सत्य नारायण का पाठ भी जरूर करें. उसके बाद उन्हें नैवेद्य अर्पित करें. अंत में ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें. चंद्रदर्शन के बाद (chaitra purnima 2022 puja vidhi) चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें. 

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चैत्र पूर्णिमा के दिन होती है हनुमान जयंती  
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन को हनुमान जयंती के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों दिन मनाया (hanuman jayanti 2022) जाता है. 

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चैत्र पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय 
इस दिन के उपायों की बात करें तो इस दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें. अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दें. जहां आप अपना धन रखते हैं. ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी. शास्त्रों के अनुसार माना ये जाता है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना (chaitra purnima 2022 upay) चाहिए. वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी में से किसी को चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए. पति- पत्नी साथ में भी अर्घ्य दे सकते हैं. इस उपाय से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहेगी. 

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