माघ पूर्णिमा आज, स्नान और दान से कुछ ऐसे करें भगवान विष्णु को खुश
हिन्दू धर्म के लिए माघ का महीना बहुत ही खास होता है। इस महीने का वैसे तो हर दिन पवित्र माना जाता है लेकिन पूर्णिमा का महत्व सभी दिनों से बढ़कर माना जाता है। माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा चंद्र मास का अंतिम दिन होता है।
नई दिल्ली:
हिन्दू धर्म के लिए माघ का महीना बहुत ही खास होता है। इस महीने का वैसे तो हर दिन पवित्र माना जाता है लेकिन पूर्णिमा का महत्व सभी दिनों से बढ़कर माना जाता है। माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा चंद्र मास का अंतिम दिन होता है।
वैसे तो पूरे मास स्नान करने का महत्व बताया गया है लेकिन यदि कोई पूरे मास स्नान नहीं भी कर पाते हैं तो माघी पूर्णिमा से लेकर फाल्गुनी दूज तक स्नान करने से पूरे माघ मास स्नान करने के समान ही पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है। इस दिन व्रत रखने वाले जातक को भगवान विष्णु जी का आशीष प्राप्त होता है और उस के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं एवम वह मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
स्नान का विशेष महत्व
माघी पूर्णिमा पर स्नान का अति विशेष महत्व है। मान्यता है कि सभी देवता माघ मास में गंगा स्नान के लिए पृथ्वी पर आते हैं और मानव रूप में वह पूरे महीने भजन-कीर्तन करते हैं। यह देवताओं के स्नान का अंतिम दिन होता है इसलिए इस दिन पर स्नान का विशेष महत्व है।
यह भी पढ़ें- जानें बसंत पंचमी के दिन ही क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा
एक मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में दानवीर कर्ण को माता कुंती ने माघी पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिया था। इस दिन गंगा, यमुना सहित अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
स्नान का वैज्ञानिक महत्व
शास्त्रों में माघ पूर्णिमा के स्नान को महत्वता प्राप्त है तो इसकी वैज्ञानिक वजह भी है। माघ मास में ऋतु बदलती है इसलिए नदी के जल में स्नान करके आरोग्य की प्राप्ति की जाती है। ऋतु बदलाव का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े इसलिए माघ के महीने में स्नान का महत्व है।
यह भी पढ़ें- तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी, वैष्णों देवी और हरिद्वार के लिए रेलवे चलायेगा दो स्पेशल ट्रेनें
दान का महत्व
इस दिन यज्ञ,तप, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भोजन, वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है। माघ पूर्णिमा में प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करके पूजा करना सर्वश्रेष्ठ है। माघ मास में काले तिलों से हवन और पितरों का तर्पण करना चाहिए। तिल के दान का भी विशेष महत्व है।
माघ पूर्णिमा पूजन
माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण जी कि कथा की जाती है भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते व फल, पंचामृत, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दूर्वा का उपयोग किया जाता है। आटे के चूरमे का प्रसाद चढ़ाया जाता है और प्रसाद वितरित कर दान-दक्षिणा दी जाती है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें