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Somwar Vrat Puja Vidhi and Mantra Jaap: सोमवार के व्रत की जानें पूजा विधि और करें इस मंत्र का जाप, बढ़ेगा वेतन और कट जाएंगे सारे पाप

सोमवार का दिन भोलेनाथ (bholeynath) को समर्पित होता है. भोलेनाथ के भक्तों को सोमवार के दिन व्रत (shiv ji puja) रखकर उनकी विधि-विधान से पूजा जरूर करनी चाहिए. चलिए आपको बताते हैं कि आज के व्रत की पूजा विधि (Somwar Vrat puja vidhi mantra jaap) क्या होगी.

Updated on: 25 Apr 2022, 07:25 AM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में हर दिन बहुत ही महत्वपूर्ण (somwar vrat 2022) होता है. हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं. वहीं आज सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ (Shiv Puja) को समर्पित माना जाता है. भोलेनाथ के भक्तों को सोमवार के दिन व्रत (somwar bholeynath vrat) रखकर उनकी विधि-विधान से पूजा जरूर करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों पर उनकी असीम (somvar vrat niyam) कृपा बरसती है. इसके साथ ही घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि आज के व्रत की पूजा विधि क्या होगी.     

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सोमवार के व्रत की पूजा विधि 
सोमवार के दिन भक्तों की सच्ची श्रद्धा से भगवान प्रसन्न होकर उन पर खूब कृपा बरसाते हैं. यहां तक की उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में लोगों को सुबह-सुबह जल्दी उठके स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए. शिव पूजा के बाद सोमवार के व्रत की कथा सुननी चाहिए. इसके बाद केवल एक ही समय भोजन करना चाहिए. उसके बाद सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर (somwar vrat 2022 puja vidhi) तक होता है.      

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ॐ नमः शिवाय के मन्त्र का करें जाप 

सोमवार का व्रत तीन तरह से रखा जाता है. तीनों व्रत यानी कि हर समोवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार, इन सभी की विधि एक जैसी ही होती है. शिव पूजा के बाद कथा सुनना जरूरी होता है. शाम के समय भी भगवान की पूजा-अर्चना के साथ आरती करनी चाहिए. पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय के मन्त्र का 108 बार जाप जरूर करना चाहिए. भगवान भोले शंकर की असीम कृपा के साथ-साथ मन्त्र के प्रभाव से भक्तों के वेतन में भी वृद्धि होती है. इसलिए, पूजा के बाद शिव चालीसा करके व्रत कथा जरूरी करनी चाहिए. इसके बाद घी का दीपक भगवान शिव के सम्मुख जलाएं. कथा के बाद भोलेनाथ की आरती जरूर करें. पूजा के समाप्त होने के बाद भगवान जी से क्षमा प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना प्रभु के (somwar mantra jaap) सामने रखें.