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Sawan 2022 Shivling Shami Patra Rules: सावन में शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने के जानें नियम, भोलेनाथ हो जाएंगे प्रसन्न

शिवलिंग पर शिवजी के प्रिय धतूरा, मदार के फूल, बिल्व पत्र के साथ अगर शमी पत्र (shami plant) भी चढ़ाया जाए, तो शुभ माना जाता है. तो, चलिए भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाने के सही नियम (shami patra chadhane ke niyam) के बारे में जानते हैं.

Updated on: 19 Jul 2022, 12:54 PM

नई दिल्ली:

सावन (Sawan 2022) का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. ये भोलेनाथ का प्रिय महीना है. इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के उपायों को आजमाते हैं. वैसे भी सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ की गई पूजा से भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. इसके साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा (shami plant niyam) का भी विशेष महत्व बताया गया है.

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शिवलिंग पर शिवजी के प्रिय धतूरा, मदार के फूल, बिल्व पत्र के साथ अगर शमी पत्र (shami plant) भी चढ़ाया जाए, तो शुभ माना जाता है. लेकिन, शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को शमी पत्र अगर विधिवत तरीके से चढ़ाया जाए, तो उसका फल और ज्यादा मिलता है. तो, चलिए भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाने के सही नियम (shami patra chadhane ke niyam) के बारे में जानते हैं.

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महादेव को इस तरह से चढ़ाएं शमी पत्र -

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना बेहद खास माना जाता है. इस पूरे महीने में पूजा-भक्ति का फल कई गुना ज्यादा मिलता है. सावन में किसी भी दिन भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित किए जा सकते हैं. लेकिन, अगर सावन के सोमवार के दिन शमी पत्र अर्पित किए जाएं, तो इसका विशेष लाभ होता है. तो, चलिए बताते हैं कि किस तरह से शमी का पत्र चढ़ाना है. 

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इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान शिव के मंदिर जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. इसके बाद कांसे, तांबे या पील के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा-सा गंगाजल, सफेद चंदन, चावल आदि मिलाएं और शिवलिंग पर अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक करते समय ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करें. इसके बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, चावल, प्रसाद के साथ शमी पत्र अर्पित करें. शमी पत्र अर्पित करते समय इस मंत्र का उच्चराण (shami patra offering right way) शुभ रहेगा.  

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इसलिए मानते हैं शुभ -

सावन में भगवान शिव को शमी के पत्ते चढ़ाना शुभ माना जाता है. शमी के पेड़ को ग्रंथों में शुभ माना गया है. माना जाता है कि भगवान श्री राम जब रावण का वध करने गए थे. जब वे वापस लौटे थे तब शमी के वृक्ष की पूजा की थी. वहीं, दूसरी कथा के अनुसार महाभारत में पांडवों को अज्ञातवास दिए जाने पर उन्होंने अपने अस्त्र शस्त्र को शमी के वृक्ष में छिपा दिया था. इसी वजह से शमी के वृक्ष का विशेष महत्व (shami patra shubh) माना जाता है.