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Mohini Ekadashi 2022 Significance and Vrat Katha: मोहिनी एकादशी का जानें महत्व और पढ़ें ये व्रत कथा, मोक्ष की होगी प्राप्ति और विष्णु जी की बरसेगी कृपा

हिंदू धर्म में एकादशी (Mohini ekadashi 2022) का बहुत महत्व होता है. सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. तो, चलिए इसे मनाने का महत्व क्या है और इस दिन कौन-सी कथा (mohini ekadashi 2022 vrat katha and importance) पढ़नी चाहिए. 

Updated on: 27 Apr 2022, 12:10 PM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में एकादशी (Mohini ekadashi 2022) का बहुत महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, साल के हर महीने में दो एकादशी मनाई जाती है. इस तरह पूरे साल में 24 एकादशी हो जाती है. परंतु जब अधिकमास वर्ष होता है तो इसमें 26 एकादशी मनाई जाती है. सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-उपासना की जाती है.हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी का स्मरण, वंदन और पूजन करने से व्रती को अमोघ फलों की प्राप्ति (mohini ekadashi 2022 vrat katha in hindi) होती है. 

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सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन माना गया है. आपको बता दें कि इस दिन का व्रत विष्णु भगवान को समर्पित होता है. इस साल मोहिनी एकादशी 12 मई को मनाई जाएगी. तो, चलिए इसे मनाने का महत्व क्या है और इस दिन कौन-सी कथा (mohini ekadashi 2022 time) पढ़नी चाहिए. 

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मोहिनी एकादशी का महत्व 

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का महत्व सबसे पहले भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को और संत वशिष्ठ ने भगवान राम को समझाया था. 

मोहिनी एकादशी के विस्तृत महत्व को जानने के लिए, भक्त सूर्य पुराण पढ़ सकते हैं. 
यदि कोई इंसान मोहिनी एकादशी व्रत को बहुत ज्यादा समर्पण और निष्ठा के साथ रखता है तो फलस्वरूप उसे कई ‘पुण्य’ या ’अच्छे कर्म” प्राप्त होते हैं. 
प्राप्त पुण्य एक हजार गायों का दान करने, तीर्थों की यात्रा करने और यज्ञों को करने से प्राप्त होने वाले के बराबर होते हैं. 
ये भी माना जाता है कि भक्त जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाते हैं और मोहिनी एकादशी के व्रत का पालन करके मोक्ष (mohini ekadashi 2022 significance) प्राप्त करते हैं. 

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मोहिनी एकादशी व्रत कथा (mohini ekadashi 2022 vrat katha)

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, मोहिनी भगवान विष्णु का अवतार रूप थी. समुद्र मंथन के समय, जब अमृत का मंथन किया गया, तो इस बात को लेकर बहुत विवाद हुआ कि राक्षसों और देवताओं के बीच अमृत का सेवन कौन करेगा? देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी और इस तरह वे अमृत के बर्तन से राक्षसों का ध्यान भटकाने के लिए मोहिनी नाम की एक सुंदर महिला के रूप में प्रकट हुए. इस प्रकार, सभी देवताओं ने भगवान विष्णु की सहायता से अमृत का सेवन किया. इसलिए, इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. ये वही व्रत है जिसे राजा युधिष्ठिर और भगवान (mohini ekadashi 2022 kahani) राम ने रखा था.