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Sawan Masik Durgashtami 2022 Katha: मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पढ़ेंगे ये कथा, होगी हर मनोकामना पूरी

इस बार सावन माह में दुर्गाष्टमी (masik durgashtami 2022 vrat katha) शुक्रवार 05 अगस्त 2022 को पड़ रही है. माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना की पूर्ति होती है.

Updated on: 04 Aug 2022, 02:05 PM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी (masik durgashtami 2022) का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के महीने में पड़ने वाली अष्टमी को महाष्टमी कहा जाता है. वहीं हर महीने शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी (masik durgashtami 2022 vrat) कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत व पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं (masik durgashtami 2022 sawan) पूरी करती हैं. इस बार सावन माह में दुर्गाष्टमी शुक्रवार 05 अगस्त 2022 को पड़ रही है.  

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इस दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना की पूर्ति होती है. इस दिन भक्त दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं. इस दिन व्रत व पूजा करने से मां जगदंबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. दुर्गा अष्टमी व्रत करने से घर में खुशहाली और सुख समृद्धि आती हैं. तो, चलिए मासिक दुर्गाष्टमी की कथा (masik durgashtami 2022 importance) के बारे में जानते हैं.  

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मासिक दुर्गाष्टमी 2022 कथा -

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, कहा जाता है कि सदियों पहले पृथ्वी पर दानव और असुर शक्तिशाली हो गए थे. जो कि स्वर्ग की ओर चढ़ाई करने लगे थे. उन्होंने अपनी शक्ति से कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग पर तबाही मचा दी. कहा जाता है कि इन असुरों में सबसे शक्तिशाली असुर का नाम महिषासुर था. महिषासुर का अंत करने के लिए शिव जी, भगवान विष्णु और ब्रह्मा देव ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. इन सभी देवताओं ने मां दुर्गा को अपने विशेष हथियार प्रदान किए. तब आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया. मां दुर्गा ने न सिर्फ महिषासुर के असुरों की सेना का वध किया बल्कि अंत में महिषासुर का भी वध कर दिया. इसके बाद ही दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया (masik durgashtami 2022 katha) जाने लगा.