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Mahesh Navami 2022 Significance and Upay: महेश नवमी के दिन का जानें महत्व और करें ये उपाय, रोगों से मुक्ति और धन पाएं

ज्येष्ठ माह (jyeshtha month 2022) की शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी (Mahesh Navami 2022) कहा जाता है. इस बार ये 9 जून यानी गुरुवार को मनाई जाएगी. तो, चलिए इस दिन के महत्व और उपायों (Importance Of Mahesh Navami) के बारे में बताते हैं.

Updated on: 05 Jun 2022, 11:00 AM

नई दिल्ली:

ज्येष्ठ माह (jyeshtha month 2022) की शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी (Mahesh Navami 2022) कहा जाता है. इस बार ये 9 जून यानी गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को भगवान शिव के आशीर्वाद से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी. इस दिन माहेश्वरी समाज महेश जयंती (mahesh jayanti 2022) मनाता है. ये त्यौहार मुख्य रूप से भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाया जाता है.

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भगवान शिव के कई नाम है कोई उन्हें महादेव (Mahesh navami) तो कोई भोलेभंडारी तो कोई त्रिनेत्र कहता है. शिव के लोकप्रिय नामों में से एक नाम  ‘महेश’ है. माना जाता है कि महेश स्वरूप में आराध्य भगवान 'शिव' पृथ्वी से भी ऊपर कोमल कमल पुष्प पर बेलपत्ती, त्रिपुंड, त्रिशूल, डमरू के साथ लिंग रूप में शोभायमान होते हैं. तो, चलिए इस दिन के महत्व और उपायों (Importance Of Mahesh Navami) के बारे में बताते हैं. 

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महेश जयंती का महत्व
महेश जयंती मनाने के पीछे कई कहानियां छिपी है. खांडेलसेन नाम का एक राजा था, जिसका बच्चा नहीं था. इसलिए उन्होंने भगवान शिव की पूर्ण समर्पण और भक्ति के साथ पूजा की. जिसके बाद भगवान ने उसे सुजानसेन नामक बेटा होने का आशिर्वाद दिया. बाद में वह राज्य का राजा बन गया. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार महेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे. एक दिन जब इनके वंशज शिकार पर थे तो इनके शिकार कार्यविधि से ऋषियों के यज्ञ में विघ्न उत्पन्न हो गया. जिस कारण ऋषियों ने इन लोगों को श्राप दे दिया था कि तुम्हारे वंश का पतन हो जाएगा. महेश्वरी समाज इसी श्राप के कारण ग्रसित हो गया था.

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किन्तु ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन भगवान शिव जी की कृपा से उन्हें श्राप से मुक्ति मिल गई तथा शिव जी ने इस समाज को अपना नाम दिया. इसलिए, इस दिन से यह समाज महेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. भगवान शिव जी की आज्ञानुसार महेश्वरी समाज ने क्षत्रिय कर्म को छोड़कर वैश्य कर्म को अपना लिया. अतः आज भी महेश्वरी समाज वैश्य रूप में पहचाने (Mahesh Navami 2022 importance) जाते है. 

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महेश नवमी के उपाय -

महेश नवमी पर शिवजी की पूजा हरसिंगार के फूलों से करने पर धन-संपत्ति बढ़ती है. 
महेश नवमी पर भगवान शिव को 21 बिल्व पत्र पर लाल चंदन से ऊं लिखकर अर्पित करें. 
महेश नवमी पर शिवलिंग का अभिषेक पानी से किया जाए तो रोगों से मुक्ति मिल सकती है. 
इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. 
भगवान शिव को भांग बहुत प्रिय होती है. इसलिए, इस दिन शिवजी को भांग चढ़ाने से भी बड़ी कृपा मिल सकती है. 
शिवपुराण के अनुसार, शिवजी को धतूरा चढ़ाने से विशेष लाभ और धन की प्राप्ति (mahesh navami 2022 upay) होती है.