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Opal Ratna Benefits and Vidhi: ओपल रत्न को पहनने के जानें फायदे और सही विधि, पति-पत्नी के संबंधों में नहीं आएगी कभी दूरी

ओपल (opal ratna) को धारण करने से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. ओपल रत्न का संबंध शुक्र रत्न से माना जाता है. ज्योतिष (gemstone astrology) में शुक्र ग्रह को दांपत्य जीवन, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक माना गया है.

Updated on: 18 Jul 2022, 02:40 PM

नई दिल्ली:

रत्न शास्त्र (ratna shastra) में कुछ प्रमुख कत्नों का वर्णन किया गया है. इन रत्नों पर किसी न किसी ग्रह का अधिकार होता है. इन रत्नों को धारण करने से मनुष्य को ग्रहों की शुभता मिलती है. इसलिए, आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं. जो कि ओपल रत्न (Opal stone) है. जो पति- पत्नी के बीच खटास को दूर करता है और संबंधों को मधुर बनाता है. इसके साथ ही ओपल को धारण करने से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. ओपल रत्न का संबंध शुक्र रत्न से माना जाता है. ज्योतिष (gemstone astrology) में शुक्र ग्रह को दांपत्य जीवन, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक माना गया है. तो, चलिए जानते हैं कि ओपल रत्न धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि क्या है. 

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ओपल रत्न पहनने के फायदे -

ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस रत्न को पहनने करने से वैवाहिक जीवन में या प्रेम संबंधों में आ रही खटास दूर होती है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है. वहीं जो लोग संगीत, अभिनेता, अभिनेत्री, चित्रकला, नृत्य, टीवी, फिल्म, थिएटर, कम्पूटर, आईटी से सम्बंधित क्षेत्रों में कार्यरत हैं. उन लोगों के लिए ओपल शुभ फलदायी (opal ke fayde) माना जाता है. 

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ओपल धारण करने की सही विधि -

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ओपल को पहनने के लिए शुक्ल पक्ष का शुक्रवार दिन शुभ रहता है. इस दिन इसे सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में ओपल रत्न को धारण करना चाहिए. इसे धारण करने से पहले इस रत्न जड़ित अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए. शुद्ध करके इस अंगूठी को सफेद कपड़े के ऊपर रख लें फिर शुक्र के मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: की एक माला जप करके अंगूठी को धारण कर लेना चाहिए. इसके साथ ही इसके बाद किसी भी ब्राह्लाण को शुक्र ग्रह से संबंधित दान चरण स्पर्श करके (opal ratna vidhi) देना चाहिए.