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Mahavir Jayanti 2022: भगवान महावीर स्वामी के सुनें ये 10 अनमोल वचन, आनंद की होगी प्राप्ति

आज 14 अप्रैल के दिन महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022) का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. उन्होंने अपने पांच सिद्धांतों के साथ कुछ अनमोल वचन (lord mahavir swami 10 anmol vachan) भी कहे हैं. तो, चलिए आपको उनके अनमोल वचन बताते हैं.

Updated on: 14 Apr 2022, 08:14 AM

नई दिल्ली:

आज 14 अप्रैल के दिन महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022) का पर्व देशभर में मनाया जा रहा है. सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले भगवान महावीर की जयंती (mahavir jayanti 2022 date) का विशेष महत्व होता है. भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर (happy mahavir jayanti 2022) है. इनका जन्म लगभग 600 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन हुआ था. उन्होंने हमेशा जीयो और जीने दो का संदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने हर भक्त को अंहिसा, सत्य, अक्षत, ब्रह्मचार्य और स्वत्व-त्याग का पालन करने को कहा. उन्होंने अपने पांच सिद्धांतों के साथ कुछ अनमोल वचन (lord mahavir 10 anmol vachan) भी कहे. तो, चलिए आपको बताते हैं कि उनके वो खास वचन कौन-से हैं.

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महावीर स्वामी के अनमोल वचन (mahavir jayanti 2022 lord mahavir 10 anmol vachan)

ईश्वर का अलग से कोई भी आस्तित्व नहीं है. हर कोई व्यक्ति देवदत्त प्राप्त कर सकता है अगर वह सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करें तो.

आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है. असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं. वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत.

जिस तरह से आग को ईंधन से नही बुझाया जा सकता है उसी तरह कोई भी जीवित प्राणी तीनों लोको की सारी धन दौलत से संतुष्ट नही हो सकता है. 

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किसी भी व्यक्ति के अस्तित्व को मिटाने की अपेक्षा उसे शांति से जीने दो, और खुद भी शांति से जीने की कोशिश करो, तभी आपका कल्याण होगा.

किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है.

अगर हमने कभी किसी के लिए अच्छा काम किया है तो उसे भूल जाना चाहिए और अगर कभी किसी ने हमारा बुरा किया है तो हमे उसे भी भूल जाना चाहिए. 

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सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं.

आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है. 

हर एक जीवित जीव के प्रति दयाभाव रखो, क्योंकि नफरत और घृणा करने से विनाश होता है. 

खुद से लडो, बहार के शत्रुओं से क्या लड़ना, वह व्यक्ति जो खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है उसे ही आंनद की प्राप्ति (mahavir jayanti 2022 lord mahavir swami vichar) होती है.