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Mahavir Jayanti 2022: जहरीले सांप को काबू करके पुकारे गए महावीर, जानें महावीर जयंती की तिथि और महत्व

हिंदू धर्म (jain religion) के साथ जैन धर्म में धूम-धाम से मनाए जाने वाला त्योहार महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022) 14 अप्रैल की है. तो चलिए हम आपको महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022 importance) का महत्व और विशेष जानकारी देते हैं. 

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Megha Jain
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Jain Festival Mahavir Jayanti 2022

Jain Festival Mahavir Jayanti 2022( Photo Credit : social media)

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हिंदू धर्म (jain religion) के साथ जैन धर्म में धूम-धाम से मनाए जाने वाला त्योहार महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022) 14 अप्रैल की है. ये त्योहार जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. आपको बता दें, इस दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मदिन (lord mahavir birthday) है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. जिन्होंने अपनी 12 वर्ष की कठोर तप या तपस्या से ज्ञान को प्राप्त किया था और अपनी इंद्रियों तथा भावनाओं को पूरी तरह से जीत लिया था. कहा जाता है कि बचपन में उन्होंने बिना किसी डर के एक भयानक जहरीले सांप को अपने काबू में कर लिया था. तभी से उन्हें महावीर (happy mahavir jayanti) के नाम से पुकारा जाने लगा. 

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महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022 date) के इस पर्व पर जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है. इसके साथ ही भारत में कई जगहों पर जैन समुदाय द्वारा अहिंसा रैलियां निकाली जाती हैं. महावीर जयंती के खास मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान भी दिया जाता है. तो चलिए हम आपको महावीर जयंती का महत्व और विशेष जानकारी देते हैं. 

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महावीर जयंती का महत्व
महावीर जयंती का जैन और हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. हिंदू धर्म के अनुसार राजा सिद्धार्थ और  महारानी त्रिशला के राज्यकाल के समय इनका जन्म हुआ था. आज के समय में ये जगह बिहार के नाम से जानी जाती है. जिसका स्वप्न रानी त्रिशला को 14 दिन पश्चात आया था. इस स्वप्न में ये भविष्यवाणी हुई थी कि जन्म लेने वाला यह बालक भविष्य में तीर्थंकर बनकर आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त कर समाज को धर्म (Mahavir Jayanti 2022 importance) का मार्ग दिखाएगा. 

महावीर भगवान सभी प्राणियों को समान दृष्टि से देखते थे. भगवान महावीर ने 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त किया था. इस तपस्या के दौरान इन्होंने कई समस्याओं और कष्टों का सामना किया था. कोलकाता के  जैन मंदिर और बिहार के पावापुरी में स्थित मंदिर में इस दिन बड़े स्तर पर पूजा का आयोजन किया जाता है. इस दिन भक्त पूरी आस्था और श्रद्धा से भगवान महावीर जी की आराधना करते हैं और पूजा का आयोजन करते हैं. 

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महावीर जयंती क्या है 
महावीर जयंती का दिवस महावीर स्वामी का जन्मदिन मानकर मनाया जाता है. महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व में हुआ था. इनको जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है और जैन धर्म के ग्रंथों में इनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का वर्णन विस्तार से देखने को मिलता है. जैन धर्म में माना जाता है कि ये धर्म सभी धर्मों में सबसे प्राचीन धर्म है. भगवान महावीर हिंसा के बिल्कुल विरुद्ध थे. महावीर का पहला सिद्धांत यही था कि किसी को बिना कष्ट दिए अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए. महावीर जी ने अपने जीवनकाल में लोगों को हमेशा सत्य का साथ देने के लिए लिए लोगों को प्रेरित करते थे. महावीर जयंती अस्तेय और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत का ज्ञान देने वाला दिवस है. 
 
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में आने वाले शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को यह दिन मनाया जाता है. सनातन धर्म में माना जाता है कि इसी दिन उनका जन्म हुआ था. इसे भगवान महावीर का जन्म मानकर मनाया जाता है. इस दिन महावीर जी को प्रसन्न करने के लिए शोभायात्रा निकाली जाती है और इनका पूजन (14 april 2022 mahavir jayanti) किया जाता है.

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