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Pohela Baisakh 2022: 15 अप्रैल को मनाया जाएगा पोइला बोइशाख का त्योहार, जानें क्यों मनाया जाता है ये बंगाली पर्व

बंगाली समुदाय के लिए बैसाख (Poila Boishakh 2022) का पहला दिन बहुत महत्व रखता है. बंगाल में इसे पोइला बोइशाख के नाम से जाना जाता है. ये त्योहार 15 अप्रैल के दिन मनाया जाता है. बंगाल (Pohela Baisakh 2022) में वैशाख का महीना बहुत शुभ माना गया है.

Updated on: 14 Apr 2022, 10:28 AM

नई दिल्ली:

बंगाली समुदाय के लिए बैसाख (Poila Boishakh 2022) का पहला दिन बहुत महत्व रखता है. इस दिन बंगाली समुदाय के नए साल की शुरुआत होती है. बंगाल में इसे पोइला बोइशाख (Poila Boishakh 2022 Date) के नाम से जाना जाता है. ये त्योहार 15 अप्रैल के दिन मनाया जाता है. इस दिन बंगाली लोग एक-दसूरे को गले मिलकर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं. जिसमें वो शुभो नोबो बोरसो कहते हैं. इसका अर्थ 'नया साल मुबारक हो' होता है. बंगाल (Bangla Calendar 2022) में वैशाख का महीना बहुत शुभ माना गया है. इस माह में सभी शुभ कार्य दैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, घर खरीदना जैसे काम किए जाते हैं. इतना ही नहीं, इस दिन कई जगह-जगह पर मेलों का आयोजन (pohela boishak 2022) भी किया जाता है. 

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पोइला बोइशाख का शुभ मुहूर्त (pohela boishak 2022 shubh muhurat)

बंगाली युग 1429 प्रारम्भ

पोइला बोइशाख आरंभ - 15 अप्रैल, 2022 (शुक्रवार) 

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यूं मनाएं पोइला बोइशाख 
इस दिन बंगाली समुदाय के लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. इसके साथ ही नए कपड़े पहनकर पूजा करते हैं. बिजनेस से जुड़े लोग इस दिन लेखा-जोखा शुरू करते हैं. घर पर तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. लोग एक-दूसरे के घर जाकर उन्हें नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन मंदिर के दर्शन करना और बड़ों का आशीर्वाद लेने की परंपरा होती है. इसके साथ ही इस दिन गौ माता (pohela boishak 2022 celebration) की पूजा का भी विधान है. 

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पोइला बोइशाख के दिन बनते हैं पकवान
माना जाता है कि इस दिन पारंपरिक पोशाक पहनते हैं. इतना ही नहीं, इस दिन घरों में पारंपरिक व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं. इस दिन घरों में प्याज, हरी मिर्च और फ्राइड हिल्सा फिश खाते हैं. इसे पांत भात भी कहा जाता है. इस दिन रसोगुल्ला, मांस, मछली, कई प्रकार के छेने की मिठाइयां आदि भी मेहमानों के सामने परोसी (pohela boishak 2022 food) जाती हैं.