आत्मा और पुनर्जन्म के रहस्य पर कई धर्मों में मतभेद हैं. हिंदू धर्म की बात करें तो हिंदू धर्म पुनर्जन्म में विश्वास रखता है. इसका मतलब है कि आत्मा जन्म एवं मृत्यु के निरंतर प्रक्रिया से गुजरता है. वह अपने पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है. उसकी यह भी मान्यता है कि प्रत्येक आत्मा मोक्ष प्राप्त करती है, जैसा गीता में कहा गया है. वहीं आज के वैज्ञानिक युग में भी भूत-प्रेत और पारलौकिक शक्तियों से जुड़ी घटनाएं सामने आती है और लोग उनपर विश्वास भी करते हैं. कई लोगों को भूत बाधा से ग्रसित माना जाता है. आइए आज आपको बताते हैं कि शरीर में किस तरह घुसती हैं आत्मा.
आत्मा के तीन स्वरूप
जीवात्मा, प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा. जो कि भौतिक शरीर में वास करती है उसे जीवात्मा कहते हैं. दरअसल, जब जीवात्मा का वासना और कामनामय शरीर में निवास होता है तो उसे प्रेतात्मा कहते हैं. यह आत्मा जब सूक्ष्मतम शरीर में प्रवेश करता है, तो उसे सूक्ष्मात्मा कहते हैं.
आत्मा का आना
अक्सर आपने सुना होगा कि किसी इंसान के शरीर में नाग महाराज, भेरू महाराजा या फिर काली माता आ जाती है. वहीं भारत में कई ऐसे स्थान या फिर चौकी हैं, जहां पर आह्वान द्वारा किसी इंसान विशेष के शरीर में दिव्य आत्मा का अवतरण होता है और फिर वो अपने स्थान पर बैठकर लोगों को उनका भूत और भविष्य बताता है.
विदेशों में भी बुरी आत्माएं
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगों को बुरी आत्माएं परेशान करती हैं. जिससे छुटकारा पाने के लिए लोग चर्च के चक्कर लगाते रहते हैं. जबकि भारत में लोग तांत्रिक, बाबा, संत या फिर मंदिर के चक्कर काटते हैं. कुछ लोग ऐसे लोगों के पास भी जाते हैं जिनके शरीर में पहले से ही किसी समय विशेष में कोई दिव्य आत्मा आई हुई होती है.
आत्मा बुलाने के तरीके
इन दिनों आत्मा को बुलाने के लिए कई तरीके विकसित हो रहे हैं, जैसे हिप्नोटिज्म, प्लेनचिट और ओइजा बोर्ड जैसे तरीके सामने आ रहे हैं. जिसके माध्यम से किसी दिव्य आत्मा के संपर्क से सवालों के जवाब और समाधान पाए जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)