Mahalaya 2017: खत्म हो रहे हैं श्राद्ध, जानें पूर्वजों को श्रद्धांजलि देेने का शुभ समय
महालया दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है। यह त्योहार बंगाली रीति-रिवाज के साथ मनाते हैं। इस दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
नई दिल्ली:
महालया की शुरुआत अश्विन महीने की अमावस्या पर होती है। 19 सितंबर को महालया मनाया जा रहा है। इसके साथ ही दुर्गा पूजा और फिर नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस साल नवरात्रि 21 सितंबर से शुरू होकर 29 सितंबर तक चलेंगे।
महालया दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है। यह त्योहार बंगाली रीति-रिवाज के साथ मनाते हैं। इस दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
मान्यता है कि पितृपक्ष में पितृ धरा पर उतरते हैं। पितृविसर्जन यानि श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को पितृ विदा हो जाते हैं। हिंदू धर्म में श्राद्ध को बेहद पवित्र कार्य माना जाता है।
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क्या है मान्यता
माना जाता है कि पितृपक्ष में यमराज सभी जीवों को मुक्त करते हैं। पितृ अपने कुल की रक्षा करते हैं और हर संकट से बचाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि श्राद्ध को तीन पीढ़ियों तक निभाना चाहिए।
ये है दुर्गा पूजा कैलेंडर
19 सितंबर 2017: महालया
25 सितंबर 2017: महा पंजमी
26 सितंबर 2017: महा षष्ठी
27 सितंबर 2017: महा सप्तमी
28 सितंबर 2017: महा अष्टमी
29 सितंबर 2017: महा नवमी
30 सितंबर 2017: विजय दशमी
पितृ विसर्जन का शुभ मुहुर्त
19 सितंबर को दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 20 सितंबर 2017 को सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक पितृ विसर्जन करें। पितृ विसर्जन के लिए यह शुभ मुहुर्त है।
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