logo-image

Ashadh Gupt Navratri 2022 Significance: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 30 जून से होंगे शुरू, जानें इन नौ दिनों का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार पहली गुप्त नवरात्रि (gupt navratri 2022) आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है. इस बार ये तिथि 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक मनाई (ashadh gupt navratri 2022) जाएगी.

Updated on: 27 Jun 2022, 02:04 PM

नई दिल्ली:

हिंदू पंचांग के अनुसार पहली गुप्त नवरात्रि (gupt navratri 2022) आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है. इस बार ये तिथि 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक मनाई (ashadh gupt navratri 2022) जाएगी. इस गुप्त नवरात्री के अवसर पर 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. ये समय महाकाली एवं भगवान शिव (ashadh gupt navratri 2022 date) यानी कि शाक्त और शैव की पूजा करने वालों के लिए विशेष माना जाता है. तो, चलिए इन नौ दिनों के गुप्त नवरात्रों का महत्व भी जान लें.  

यह भी पढ़े : Ashadh Gupt Navratri 2022 Bhog: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक देवियों को इन चीजों का भोग लगाएं, मां का आशीर्वाद पाए

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 महत्व (Gupt Navratri 2022 importance) -

गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए विशेष साधनाएं की जाती है. इन दिनों तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है. इन तंत्र साधनाओं को गुप्त रूप से किया जाता है. इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. इस दुर्गा माता को शक्ति का रूप माना जाता है. इसलिए, इस दौरान 9 दिनों तक संकल्प लेकर व्रत रखना होता है. इस दौरान प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां दुर्गा की आराधना करनी होती है. इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत तोड़े जाते हैं. गुप्त नवरात्रि में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना होता है. गुप्त रूप से देवी मां और महाशक्ति की आराधना करने के चलते ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है.

यह भी पढ़े : Ashadh Amavasya 2022 Pitra Mantra and Hawan: ये अमोक मंत्र और इस विधि से किया गया हवन दिलवाएगा आपको पितरों का आशीर्वाद, भरभर के बरसेगी कृपा

गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की साधना करते हैं. गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी. गुप्त नवरात्रि की दस देवियां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला है. इन 10 महाविद्याओं का संबंध अलग-अलग (Gupt Navratri 2022 significance) देवियों से हैं.