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Ganesh Chaturthi 2022 Importance: 31 अगस्त से शुरू होगा गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार, जानें इसका महत्व

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (ganesh chaturthi 2022) का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है. जिसकी पूरे देश में खूब धूम (ganesh chaturthi 2022 importance) रहती है.

Updated on: 30 Aug 2022, 11:18 AM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के त्योहार का विशेष महत्व होता है. ये त्योहार भगवान गणेश को समर्पित होता है. इस साल गणेशोत्सव का त्योहार 31 अगस्त, बुधवार (Ganesh chaturthi 2022) से शुरू होने जा रहा है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है. जिसकी पूरे देश में खूब धूम रहती है. माना जाता है कि गणपति की पूजा (ganesh chaturthi 2022 date) से हर तरह के विघ्न दूर हो जाते हैं. चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है. फिर अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन (ganesh chaturthi 2022 significance) करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होता है.     

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शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. पहले दिन गणपति की स्थापना की जाती है और अगले दस दिन यानी अनंत चतुर्दशी तक गणेश पूजन (ganesh chaturthi 2022 lord ganesh pujan) किया जाता है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी को गणपति जी का विसर्जन करने का प्रावधान होता है. भक्त लोग अपने घर पर बप्पा को लाते हैं और फिर 10 दिन तक उनकी पूजा- अर्चना करते हैं. तो, चलिए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व क्या है.    

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गणेश चतुर्थी 2022 महत्व -   

गणेश उत्सव को धूमधाम और 10 दिनों के त्योहार के तौर पर मनाने की खास वजह है. पुराणों के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन माता पार्वती के पुत्र गणेश का जन्म हुआ था. एक पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था और उनसे महाभारत को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की. माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणपति जी ने महाभारत को लिपिबद्ध करना शुरू किया था. बिना रुके गणेश जी 10 दिन तक लेखन कार्य करते रहे. इन 10 दिनों में गणेश जी पर धूल मिट्टी की परत चढ़ गई. खुद को स्वच्छ करने के लिए 10वें दिन गणपति जी ने सरस्वती नदी में स्नान किया. इस दिन अनंत चतुर्दशी थी. इस कथा के आधार पर ही गणेश स्थापना और विसर्जन की परंपरा है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश का जन्‍म जिस दिन हुआ था. उस दिन भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी थी. इसलिए, इस दिन को गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. भगवान गणेश के पूजन से घर में सुख समृद्धि और वृद्धि आती है. इसके साथ ही बप्पा भक्तों के सभी कष्टों (ganesh chaturthi 2022 importance) को हर लेते हैं.   

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कब किया जाएगा गणेश विसर्जन -

गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों का त्योहार है. गणपति जी की स्थापना के बाद बप्पा 9 दिनों तक आपके घर पर वास करते हैं. 10वें दिन यहां गणपति विसर्जन होता है. इस बार गणपति विसर्जन 9 सितंबर 2022 को होगा. इस दिन अनंत चतुर्दशी की तिथि है. बता दें कि, अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु की उपासना का दिन है और इसी दिन गणपति विसर्जन (ganpati visarjan 2022) भी किया जाता है.