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Know Everything About Puranas: 99% हिंदू नहीं जानते पुराणों में क्या लिखा है, ये कितने हैं और इनका क्या महत्व है 

Hindu Puranas: हिंदू धर्म के कितने पुराण हैं और उनमें क्या लिखा है, इसका जवाब शायद आप ना जानते हैं. पुराण का क्या अर्थ है और ये कितने हैं आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Know Everything About 18 Puranas

know everything about hindu 18 Puranas( Photo Credit : News Nation)

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Know Everything About Puranas: धर्म के जानकारों की मानें तो हिंदू धीरे-धीरे कमजोर होते जा रहे हैं. शायद ये जानकर आप हैरान हो जाएं लेकिन, इसका एक ही कारण है कि हम लोग, वेद और पुराणों का ज्ञान नहीं लेते हैं. अगर कोई आदमी आपसे ये पूछ ले कि तुम्हारे हिन्दू धर्म में कितने पुराण हैं और उसमें क्या लिखा है तो इसका जवाब शायद 99 % लोग ना दे पाएं. पुराण कितने हैं, उनके नाम क्या है और उनका महत्त्व क्या है इस बारे में कम लोगों को जानकारी है. क्या आप जानते हैं कि पुराण क्या है? पुराण का शाब्दिक अर्थ क्या है? और पुराण कितने हैं? एक-एक करके इन सभी सवालों के जवाब आप यहां जान सकते हैं. 

पुराण का अर्थ क्या है ? 

पुराण का अर्थ है प्राचीन आख्यान अथवा रचना. हमारे सनातन धर्म में सभी धार्मिक ग्रंथों में से पुराण का विशेष महत्त्व है तथा ये प्राचीनतम ग्रंथों में से एक है. इन पुराणों में लिखी बातें और ज्ञान आज भी सही साबित हो रहे हैं. पुराण में लिखा ज्ञान हमारी हिंदू संस्कृति और सभ्यता का आधार है. इस बात से सभी सहमत हैं. लेकिन पुराण क्या है और पुराण कितने हैं, ये सभी लोग नहीं जानते. पुराण में हिंदू धर्म के ईश्वर संतों, ऋषि मुनियों और वीर राजाओं, उनके द्वारा रची लीलाओं, उनके जीवन और उनके सिद्धांतों को विस्तार रूप से दर्शाया गया है. पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए, जिन्हें बाद में हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित किया गया ताकि आम जनता पुराणों को पढ़ पाएं. 

पुराण कितने हैं?

हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण हैं जिनके नाम है पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मारकंडे पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वारा पुराण, स्कंद पुराण, वामन पुराण, कुण पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण पुराण. इन सभी पुराणों में देवी देवताओं पर आधारित कई गाथाएं कही गई हैं जिसमे पाप पुण्य और धर्म अधर्म के युद्ध के बारे में भी बताया गया हैं. पुराण में व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक तक की यात्रा का भी विवरण है. शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा देव ने अपने पुत्र मारीच को कहा था जो व्यक्ति अपने जीवन काल में इन 18 पुराणों के नाम और उसकी लिखित गाथा का श्रवण या पाठ करता है. वह इन सभी 18 पुराणों से मिलने वाले पुण्य को पा लेता है. 

यह भी पढ़ें: Who is Greater Dharma or Karma: क्या धर्म के बिना अंधा है कर्म? 99% हिन्दु नहीं जानते यह बातें 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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