Jagannath Temple Khajana: भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का खजाना देखकर उड़ जाएंगे आपके होश

Jagannath Temple Khajana: भारत में एक से बढ़कर एक रईस मंदिर हैं. इन्हीं में से कुछ ऐसे मंदिर हैं जिन मंदिरों के खजाने का रहस्य आज भी रहस्य ही बना हुआ है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कितना खजाना है आइए जानते हैं.

Jagannath Temple Khajana: भारत में एक से बढ़कर एक रईस मंदिर हैं. इन्हीं में से कुछ ऐसे मंदिर हैं जिन मंदिरों के खजाने का रहस्य आज भी रहस्य ही बना हुआ है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कितना खजाना है आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Jagannath Temple Khajana

Jagannath Temple Khajana( Photo Credit : News Nation)

Jagannath Temple Khajana: जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार (रत्न भंडार) एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए आभूषण और मूल्यवान धातुएं संग्रहित होती हैं. यह भंडार सदियों पुराना है और इसकी सुरक्षा और गुप्तता बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. रत्न भंडार का इतिहास सदियों पुराना है और इसका संबंध मंदिर की स्थापना और राजा चोड़गंग देव के समय से है. अलग-अलग राजवंशों और शासकों द्वारा भगवान जगन्नाथ के लिए मूल्यवान आभूषण और धातुएं भेंट की गईं, जो रत्न भंडार में संग्रहित हैं. लेकिन, ये खजाना कितना है ये आजतक गिना नहीं जा सका. इसका क्या कारण है आइए जानते हैं.

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मंदिर का रत्न भंडार आज सबसे बड़ा सवाल बन गया है. जगन्नाथ टेंपल का खजाना जिसे रत्न भंडार के नाम से जाना जाता है यहां सोने के गहने, कीमती रत्न, हीरे और ना जाने कितनी मूल्यवान चीज़े सुरक्षित रखी गई हैं, लेकिन पिछले 40 साल से इस भंडार के दरवाजे सभी के लिए बंद है और इसकी वजह मानी जाती है खजाने की रक्षा कर रहे जहरीले सांप. रिपोर्ट्स के अनुसार रत्न भंडार पहले 1926 और उसके बाद साल 1984 में खोला गया था. 1984 में जब रत्न भंडार के द्वार खोले गए तब आर्कियोलॉजिकल सर्वे इंडिया को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ASI के ऑफिसर्स को अंदर से कई सारे सांपों की डरावनी आवाजें आने लगी, जिनसे डर कर आर्कियोलॉजिकल सर्वे इंडिया के अफसरों ने बाकी के द्वार ना खोलने का फैसला किया. 

तब से आज तक वो दरवाजे बंद पड़े हैं. रत्न भंडार के दो चैंबर हैं. भीतर भंडार और बाहर भंडार. 2018 में कोर्ट में ASI को आदेश दिया की वो भीतर भंडार की जांच करे. लेकिन जब टीम वहां पहुंची तो उन्हें पता चला की रत्न भंडार की चाबियां गायब हैं. तब से पिछले छह सालों में वो चाबियां कहा हैं कोई नहीं जानता. रत्न भंडार की इन चाबियों का 6 साल पुराना मामला इस साल उड़ीसा में बी जे पी के चुनावी प्रचार का केंद्र बिंदु बन चुका है. इस विषय पर एक रैली के दौरान पी एम नरेंद्र मोदी ने ये कहा था जब घरों की चाबियां खो जाती हैं, हम भगवान जगन्नाथ की प्रार्थना करते है. उनकी कृपा से एक 2 घंटे में चाबियां मिल भी जाती है. लेकिन श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबियां गायब हैं और ये 6 साल हो चुके हैं. 

अगर इतिहास के पन्ने पलट के देखो तो ऐसा माना जाता है कि सूर्यवंशी डायनास्टी के एक रूलर ने भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को दान देकर उसे सोने और अन्य गहनों से भर दिया था. माना जाता है कि एक बार जब मंदिर के गहनों की गिनती की जा रही थी तो एक हद के बाद गिनने वालों को आगे की गिनती आ ही नहीं रही थी कि वो इतने सारे जेवर गिन सके. इसलिए उन्होंने कह दिया कि वहां का खजाना अमूल्य है. 

1978 में किए गए ऑडिट के अनुसार रत्न भंडार में करीब 454 सोने की आइटम्स थे और 2193 चांदी के पर आज तक भी सबकी टोटल वैल्यू का हिसाब नहीं लग पाया. बीच में कुछ खबरें ऐसी भी उठ रही थी की करीब 40 किलो चांदी के गहने रत्न भंडार से मिसिंग हैं. ये सारी बातें कितनी सच है, रत्न भंडार में अब क्या और कितना है, ये सब सिर्फ तब पता चल सकता है जब वहां की जांच हो.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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