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Bhadrapad Masik Shivratri 2023: आज है मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत रखने की सही विधि 

Bhadrapad Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने रखा जाता है. भाद्रपद के महीने में ये तिथि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और व्रत रखने की सही विधि क्या है ये सब जानिए.

Updated on: 13 Sep 2023, 09:42 AM

नई दिल्ली:

Bhadrapad Masik Shivratri 2023: हर महीने आने वाली शिवरात्रि का खास महत्त्व होता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत करने वाले के जीवन से सारे तनाव दूर होते हैं, वैवाहिक सुख मिलता है और दांप्तय जीवन में भी सुख शांति बनीं रहती है. शिव भक्त इस दिन का व्रत जरुर करते हैं. माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए 108 बार जन्म लिया था. उन्होंने कठोर तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और फिर फल स्वरूप भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रुप में स्वीकार किया. माता पार्वती और भगवान शिव की तरह आप भी अपने वैवाहिक जीवन को सुखी और समृद्ध बनाना चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं. मासिक शिवरात्रि व्रत की सही तिथि क्या है, पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत रखने का सही तरीका भी जान लें. 

भादप्रद मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के महीने की कृष्ण पक्ष में मासिक शिवरात्रि तिथि की 13 सितंबर 2023 को प्रात: 02:21 बजे शुरु हो रही है और ये 14 सितंबर 2023 को ब्रह्म मुहूर्त तक04:48 बजे तक रहेगी.

शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त - 13 सितंबर रात 11.54 - 12.40 बजे, 14 सितंबर तक है

पूजा अवधि - 46 मिनट

भादप्रद मासिक शिवरात्रि व्रत विधि 

- मासिक शिवरात्रि के दिन 13 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.

- स्नान के बाद भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा घर के मंदिर या किसी शिवालय में जाकर करें. 

- शिव जी मूर्ति  के सामने पूजाघर में देसी घी का दीपक जगाएं. 

- घर पर शिवलिंग है तो दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें.

- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें.

- पूजा करते समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें.

- अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें. 

- रात के समय भगवान शिव का दूध  से अभिषेक करें. फिर उन्हें भोग लगाकर आरती करने के बाद ही फलाहार ग्रहण करें. 

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तो आप भी वैवाहिक सुख चाहते हैं या फिर अपने दांपत्य जीवन में अखंड सौभाग्य चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि का व्रत कर सकते हैं. इसी दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाया था. देवों के देव महादेव के भक्तों पर उनकी कृपा सदैव बनीं रहती है. वो अपने जीवन में हमेशा तरक्की की राह पर चलते हैं. 

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