logo-image

Achla or Apara Ekadashi 2022 Katha and Sanyog: अचला एकादशी पर पढ़ें ये कथा, गजकेसरी योग में पूजा करने का मिलेगा शुभ फल

अचला या अपरा एकादशी (Achla or Apara Ekadashi 2022) का व्रत करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि आती है. सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु (Achla Ekadashi 2022 Vrat Katha) की पूजा करना विशेष रूप से फलदाई माना जाता है.

Updated on: 25 May 2022, 08:53 AM

नई दिल्ली:

हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह के महत्वपूर्ण व्रत में से अचला एकादशी (achla ekadashi 2022) का भी खास महत्व है. इसे अपरा एकादशी (apara ekadashi 2022) भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है. अचला एकादशी का व्रत इतना महत्‍वपूर्ण है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्‍ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को यह व्रत (apara ekadashi 2022 vrat katha) करने और भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी की पूजा करने की सलाह दी थी. ये व्रत करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि आती है. सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु (achla ekadashi vrat katha) की पूजा करना विशेष रूप से फलदाई माना जाता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि अचला या अपरा एकदशी के व्रत की कथा और विशेष संयोग क्या है. 

यह भी पढ़े : Achla Ekadashi 2022 Niyam: अचला एकादशी पर करें इन नियमों का पालन, भगवान विष्णु की कृपा से खुशियों से भर जाएगा घर आंगन

अचला एकादशी 2022 कथा 

किसी समय एक देश में महिध्वज नामक धर्मात्मा राजा रहते थे. राजा का छोटा भाई ब्रजध्वज बड़ा ही अन्यायी और क्रूर था. वह अपने बड़े भाई को अपना दुश्मन समझता था. एक दिन ब्रजध्वज ने अपने बड़े भाई की हत्या कर दी और उसके मृत शरीर को जंगल में पीपल के वृक्ष के नीचे दबा दिया. इसके बाद राजा की आत्मा उस पीपल में वास करने लगी. एक दिन धौम्य ऋषि उस पेड़ के नीचे से निकले और उन्होंने अपेन तपोबल से जान लिया कि इस पेड़ पर राजा महिध्वज की आत्मा का निवास है. ऋषि ने राजा के प्रेत को पीपल से उतारकर परलोक विद्या का उपदेश दिया. इसके साथ ही प्रेत योनि से छुटकारा पाने के लिए अचला एकादशी का व्रत करने को कहा. अचला एकादशी व्रत रखने से राजा का प्रेत दिव्य शरीर धारण कर स्वर्गलोक (achla ekadashi 2022 katha) चला गया. 

यह भी पढ़े : Shani Jayanti 2022 Katha and Sanyog: शनि जंयती के दिन बन रहा है संयोग ये खास, शनिदेव पूरी करेंगे मनोकामना

अचला एकादशी 2022 महासंयोग - 3 ग्रह एक राशि में रहेंगे 

इस बार अचला एकादशी 26 मई को है. इस दिन मीन राशि में गुरु, चंद्रमा और मंगल जैसे 3 अहम ग्रह एक साथ मौजूद होंगे. ये त्रिग्रही योग गजकेसरी योग (achla ekadashi 2022 gajkesari yog) बनाता है. जिसे ज्‍योतिष में बेहद शुभ माना गया है. चूंकि ये योग मीन राशि में बन रहा है और मीन राशि के स्‍वामी बेहद शुभ माने जाने ग्रह देवगुरु बृहस्‍पति हैं. ऐसे में इस गजकेसरी योग का शुभ फल और भी बढ़ जाएगा. इसके अलावा इस दिन रेवती नक्षत्र भी है. ये नक्षत्र भी शुभ फल देता है. ऐसे में इस दिन भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की विधि-विधान और भक्ति भाव (achla ekadashi 2022 maha sanyog) से पूजा करें.