Sakat Chauth 2018: जानें व्रत का महत्व और पूजा विधि

सकट को अलग-अलग जगहों पर कई नामों से जाना जाता है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकूट चतुर्थी भी कहते हैं।

सकट को अलग-अलग जगहों पर कई नामों से जाना जाता है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकूट चतुर्थी भी कहते हैं।

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Sonam Kanojia
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19 अगस्‍त को है बहुला गणेश चतुर्थी, जानें व्रत की कथा व इसकी महिमा

Sakat Chauth 2018

माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्ठी चतुर्थी या सकट भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। महिलाएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सकट का व्रत रखती हैं।

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सकट को अलग-अलग जगहों पर कई नामों से जाना जाता है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकूट चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं। घर में सुख-समृद्धि आती है।

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कैसे रखें व्रत

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें और मोदक का भोग लगाएं। पूजा में तिल के लड्डू चढ़ाएं। धूप-रोली के साथ पूजा करें।

चौथ के दिन मूली या मूली की सब्जी खाना वर्जित माना जाता है। कई महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत भी रखती हैं। शाम को तिल का प्रसाद खाकर व्रत का पारण करें।

तिल का होता है खास महत्व 

इस व्रत में तिल का खास महत्व होता है। भुने हुए तिल के साथ गुड़ की चाशनी मिलाकर लड्डू बनाए जाते हैं। पूजा के वक्त तिल का छोटा-सा पहाड़ भी बनाया जाता है।

इस मंत्र का करें जाप

संकष्टी चतुर्थी व्रत के दौरान कथा जरूर सुननी चाहिए। साथ ही पूजा के वक्त 'ॐ गणेशाय नम: या ॐ गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप करें। इससे काफी शुभ फल मिलते हैं।

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Source : News Nation Bureau

Sakat Chauth 2018
      
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