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Kedarnath Yatra 2022 Precautions: 'हर हर महादेव'... इन खास बातों को ध्यान में रख ही करें केदारनाथ यात्रा का आरंभ, यात्रा के दौरान इन मंत्रों का जाप दिलाएगा दोगुना फल

Kedarnath Yatra 2022 Precautions: भोलेनाथ के भक्तों में केदारनाथ को लेकर उत्साह देखा जा सकता है. 6 मई यानी कि कल से केदारनाथ यात्रा के कपाट खुल गए हैं. ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रख कर ही केदारनाथ यात्रा का शुभ आरंभ करें.

Updated on: 07 May 2022, 10:26 AM

नई दिल्ली :

Kedarnath Yatra 2022 Precautions: 6 मई से चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है. श्रद्धालुओं के लिए केदरानाथ यात्रा के कापट कल सुबह से खोल दिए गए हैं. ऐसे में भोले के भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, 8 मई से बदरीनाथ के भी कपाट खोल दिए जाएंगे. बता दें कि हिंदू धर्म में उत्तराखंड की इस चार धाम यात्रा का बड़ा महत्व है. इसमें पहला पड़ाव आता है यमनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ. 

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शास्त्रों में मान्यता है कि व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति होना चाहिए और इन चारों धाम की यात्रा करने के बाद व्यक्ति अपने लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच जाता है. ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार तो चार धाम की यात्रा अवश्य करनी चाहिए. इस यात्रा से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की ओर अग्रसर होता है. अगर आप भी यात्रा पर जाने की तैयारी में हैं तो कर रहे हैं, तो  ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रख कर ही केदारनाथ यात्रा का शुभ आरंभ करें. इसके अतिरिक्त यात्रा के भोलेनाथ के इन दिव्य मंत्रों का निरंतर जाप आपको दोगुने फल का भागी बना सकता है.

यात्रा पर जाने से पहले कर लें ये उपाय 

- अगर आप पहली बार केदारनाथ यात्रा के लिए जा रहे हैं और यात्रा को लेकर डर रहे हैं, तो बता दें कि यात्रा पर जाते समय एक नारियल लें और उसे हाथ में लेकर 11 बार श्री हनुमंते नमः का जाप करें और जमीन पर फोड़ दें. 

- अब नारियल के जल को अपने ऊपर छिड़क लें और नारियल की गरी को निकालकर बांट दें और खुद भी खाएं. 

- ऐसा करने से यात्रा सफल और सुरक्षित होगी और हर कार्य में सफलता हासिल होगी. 

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यात्रा के दौरान इस मंत्र का करें जाप

- हे कृष्ण द्वारकावासिन क्कासि यादवनंदन। आपाद्रिभं परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।

- संकटों से बचने के लिए इस मंत्र का जाप नियमित रूप से कम से कम 108 बार करें. इससे हर विपत्ति का नाश होगा. 

यात्रा के लिए क्या कहता है ज्योतिष 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार और शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा और सोमवार व शनिवार के दिन पूर्व दिशा में यात्रा करने से समस्याएं उत्पन्न होती हैं. 

- वहीं, मंगलवार और बुधवार के दिन उत्तर दिशा में यात्रा करने से बचें. गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा न करें.