Karwa Chauth 2023 Sargi Ritual: सरगी खाने का शुभ समय क्या है, जानें करवा चौथ पर इस रस्म का महत्व
Karwa Chauth 2023 Sargi: सरगी की रस्म करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले की जाती है. इस रस्म में क्या होता है और सरगी लेने के बाद कैसे करवा चौथ व्रत की शुरुआत करते हैं आइए सब जानते हैं.
नई दिल्ली :
Karwa Chauth 2023 Sargi Ritual: करवा चौथ 2023 का व्रत इस बार 1 नवंबर को रखा जाएगा. सरगी की रस्म से इस व्रत की शुरुआत होती है. सभी सुहागन महिलाओं को उनकी सास सरगी देती है. इस सरगी में क्या-क्या सामान होता है और फिर किस विधि से इसे लेकर करवा चौथ का व्रत रखते हैं ये सारी जानकारी हम आपको दे रहे हैं. करवा चौथ से एक रात पहले जो भी विवाहित स्त्रियां व्रत रखती हैं वो मेहंदी लगवाती हैं और इस दिन से पहले ही सुहाग की सारी चीज़ों की शॉपिंग कर लेती हैं. फिर शाम के समय करवा चौथ की कथा सुनने से पहले ये 16 श्रृंगार करके तैयार होती हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं. आपको इस व्रत से जुड़ी सभी रस्मों के बारे में बताएं लेकिन उससे पहले आपको सरगी की थाली में क्या सामान सास की ओर से बहू को दिया जाता है और सरगी खाने का सही समय क्या है आप ये जान लें.
सरगी की थाली में क्या क्या सामान होता है ?
सरगी की थाली एक सास अपनी बहू को देती है, जिसका बहुत महत्त्व होता है. सरगी की थाली में सोलह श्रृंगार के सामान, साड़ी, सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां, गहनों के साथ, ड्रायफ्रूट्स, फल और मिठाई रखी जाती है. इसके साथ ही बहू को खाने के लिए उसकी पसंद का खाना और नारियल पानी भी दिया जाता है. सरगी में रखे व्यंजन को सरगी के समय बहू ग्रहण करती है जिसके बाद करवा चौथ का व्रत आरंभ होता है.
सरगी कितने बजे खायी जाती है ?
करवा चौथ के दिन सरगी खाने का समय सुर्योदय से पहले माना जाता है. सुबह 4.30 से 5.30 के बीच में सरगी खा सकते हैं. मान्यता है कि इसे तारों की छांव में ग्रहण करते हैं.
गलती से करवा चौथ के दिन समय से सरगी ना खा पाए तो क्या करें
सरगी तारों की छांव में खाना सबसे उत्तम माना जाता है. लेकिन किसी कारणवश अगर आप सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण नहीं कर पाते तो सूर्योदय के बाद इसे खाना वर्जित माना जाता है. आपको निर्जला रहकर ही चांद दर्शन तक इस व्रत के नियमों का पालन करना होता है.
करवा चौथ पर सास को क्या देना चाहिए
करवा चौथ के दिन सुबह के समय जिस तरह सास अपनी बहू को सरगी देती है उसी तरह बहू व्रत की कथा सुनने के बाद सास को सुहाग की चीज़ें जैसे बिंदी, सिंदूर, लिपस्टिक, चूड़ियां, काजल, मेहंदी साड़ी भेंट करके उनसे आशीर्वाद लेती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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