Karwa chauth 2020: इस दिन है करवा चौथ का व्रत, जानें पूजन विधि और मंगलसूत्र का महत्व
पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं. त्योहार का नाम है करवा चौथ. पति की लंबी आयु की कामना के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं.
नई दिल्ली:
नवरात्रे खत्म हो चुके हैं और दिवाली आने वाली है. इस बीच एक बेहद महत्वपूर्ण त्योहार आता है. यह त्योहार दशहरा और दीपावली के बीच में आता है. पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं. त्योहार का नाम है करवा चौथ. पति की लंबी आयु की कामना के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. अब आपके जेहन में यह चल रहा होगा कि इस बार यह त्योहार कब आएगा. करवा चौथ का व्रत इस साल बुधवार यानी 4 नवंबर को रखा जाएगा. यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है. इस व्रत में सांस अपनी बहू को सरगी देती हैं. सरगी को लेकर बहु व्रत की शुरुआत करती हैं.
पूजन विधि
जिस दिन व्रत है उस दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं. सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. करवाचौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं. शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं. शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें. एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं. पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर देनी चाहिए. इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं.
मंगलसूत्र का महत्व
मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है. यह एक काले मोतियों की माला होती है, जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं. इसके अंदर बहुत सारी चीजें जुडी होती हैं और हर चीज का संबंध शुभता से होता है. माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती है और पति के जीवन के सारे संकट कट जाते हैं.
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