Karva Chauth 2019: सुहागिन महिलाएं आज मना रही है प्यार का त्यौहार, यहां जानें करवाचौथ का महत्व
आज देशभर में करवाचौथ धूम-धाम से मनाई जा रही है. महिलाएं अपने सुहाग के लिए भूखें प्यासे व्रत रख रही है. बाजारों में भी सुबह से हलचल देखी जा रही है, सभी व्रती महिलाएं करवाचौथ की पूजन सामाग्री सुहाग की चीजें लेने में जुटी हुई है.
नई दिल्ली:
आज देशभर में करवाचौथ धूम-धाम से मनाई जा रही है. महिलाएं अपने सुहाग के लिए भूखें प्यासे व्रत रख रही है. बाजारों में भी सुबह से हलचल देखी जा रही है, सभी व्रती महिलाएं करवाचौथ की पूजन सामाग्री सुहाग की चीजें लेने में जुटी हुई है. हिंदू धर्म करवाचौथ का अत्याधिक महत्व है क्योंकि मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं अगर ये व्रत रखती है तो उनके पति उम्र लंबी होती है और दांपत्य जीवन सुखी रहता है. बता दें कि आज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है और रात में चांद देखने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती है. मान्यता के अनुसार छलनी से चन्द्रमा को देखते हुए पति को देखना शुभ माना जाता है. इस व्रत में शिव पार्वती, कार्तिक और करवाचौथ माता का पूजन किया जाता है.
ये भी पढ़ेें: Karva Chauth 2019: जानिए कब और कैसे शुरू हुई करवा चौथ मनाने की परंपरा
करवाचौथ पूजा विधि-
सबसे पहले संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें। गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं. भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं.
कर्वे में दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चांद को देखें और चांद को अर्घ्य दें. इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी आवश्यक होता है, जिसके बिना यह व्रत अधूरा होता है.
और पढ़ें: Karva Chauth 2019: 76 साल बाद बन रहा है खास संयोग, सभी मनोकामना होंगी पूरी
करवाचौथ का शुभ मुहूर्त-
करवाचौथ के दिन उपवास का समय- 13 घंटे 56 मिनट
चांद के निकलने का समय- रात 8.18
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में