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Kartik Purnima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा पर 126 साल बाद खास संयोग, जानें कैसे?

इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर बेहद खास संयोग बन रहा है. जानकारों का कहना है कि इस साल 126 साल बाद 9 रेखा मुहुर्त्त, रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि व वर्धमान योग का संयोग बन रहा है. इस संयोग के चलते इस बार की कार्तिक पूर्णिमा शुभ और पावन होगी.

Updated on: 29 Nov 2020, 04:57 PM

नई दिल्ली:

इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर बेहद खास संयोग बन रहा है. जानकारों का कहना है कि इस साल 126 साल बाद 9 रेखा मुहुर्त्त, रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि व वर्धमान योग का संयोग बन रहा है. इस संयोग के चलते इस बार की कार्तिक पूर्णिमा शुभ और पावन होगी. कार्तिक पूर्णिमा इस बार 30 नवंबर सोमवार को मनाई जाएगी और इसी दिन देव दीपावली भी होगी. इस दिन चंद्रग्रहण भी लगने वाला है लेकिन भारत में चंद्रग्रहण का प्रभाव उतना व्‍यापक नहीं है. हिंदू धर्म के सभी महीनों में कार्तिक मास को सबसे अधिक आध्‍यात्‍मिक माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का बड़ा महत्‍व है.

आज 29 नवंबर दोपहर बाद 12:48 से कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभ हो चुकी है और 30 नवंबर को दोपहर बाद करीब 3 बजे खत्‍म होगी. उसके बाद अगले महीने की प्रतिपदा शुरू हो जाएगी. कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्‍नान, गरीब या ब्राह्मणों को दान का विशेष महत्‍व है. हालांकि इस बार कोरोना वायरस के चलते कई नदियों में सामूहिक स्‍नान को प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस कारण आप घर में ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें.

जानकारों का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दान-पुण्‍य करने से करने से ग्रह मजबूत होते हैं और कई अन्‍य लाभ भी मिलते हैं. इस दिन देव दीपावली होने के चलते दीपदान का भी विशेष महत्‍व है. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

भगवान भोलेनाथ ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर नामक तीन राक्षस भाइयों का संहार किया था. इन राक्षसों से देवता आतंकित हो चुके थे और देवताओं की प्रार्थना पर ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का नाश किया था. त्रिपुरासुर के वध के बाद भगवान विष्‍णु ने भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया था. त्रिपुरासुर के वध के बाद भगवान शिव की नगरी काशी में देवताओं ने आकर दिवाली मनाई थी, जिसे देव दीपावली का नाम दिया गया. उसके बाद हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है.