Kamika Ekadashi: कामिका एकादशी की व्रत कथा और महत्त्व के बारे में जानें
हिंदू कलेंडर के हिसाब से हर महीने आने वाली हर एकादशी का खास महत्त्व होता है. अगर आप इनके बारे में नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं. कामिका एकादशी का व्रत करने या इस व्रत की कथा सुनने का क्या महत्त्व है आइए जानते हैं.
नई दिल्ली:
Kamika Ekadashi: पवित्रा एकादशी के नाम से भी जानी जाने वाली कामिका एकादशी को भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा करते हैं. जीवन में सुख-समृद्धि के लिए कई लोग इसका व्रत भी रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत को करने से पिछले जन्म के दोष भी दूर हो जाते हैं. अगर आप कामिका एकादशी के दिन किसी नदी, कुंड, सरोवर में स्नान करते हैं तो इससे अश्वमेघ यज्ञ जितना पुण्य फल मिलता है. पूर्व जन्म के दोषों से लेकर पितृ दोष तक सब दूर करने वाली इस एकादशी का बहुत महत्त्व है. इसका व्रत करने से सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं. तो आपको इस दिन कम से कम कामिका एकादशी की व्रत कथा जो जरुर सुननी चाहिए. आइए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत कथा के बारे में.
क्या आप जानते हैं कि कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनना यज्ञ करने के समान है. श्री विष्णुजी को प्रसन्न करने के लिए आप इस दिन तुलसी पत्र रखकर उनकी पूजा जरूर करें. ऐसा करने से आपके सभी कष्टों का निवारण होता है.
कामिका एकादशी व्रत कथा
कथा में लिखा है कि धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत काल के समय श्री कृष्ण से कहा, "हे प्रभु, कृपा करके मुझे कामिका एकादशी का महत्व और उसका वर्णन सुनाएं."
भगवान कृष्ण ने कहा कि - "इस एकादशी व्रत की कथा स्वयं ब्रह्मा जी ने देवर्षि नारद को सुनाई थी, अत: मैं भी तुम्हे वही सुनाता हूं."
ब्रह्मा जी से एक बार नारद जी ने कामिका एकादशी की कथा सुनने की इच्छा जताई... ब्रह्मा जी ने कहा- "हे नारद! कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है. जो भी इस दिन व्रत करता है या इस तिथि पर शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर जैसी तीर्थ में स्नान करने से किसी व्यक्ति को जो फल मिलता है, वह भगवान विष्णु के पूजा करने से भी मिलता है. जिन लोगों को पापों से डर लगता है ऐसे व्यक्तियो को कामिका एकादशी का व्रत जरुर करना चाहिए.
कामिका व्रत से वाले व्यक्तिों का कुयोनि में जन्म नहीं होता ऐसा भी स्वयं प्रभु ने कहा है. जो भी मनुष्य सच्चे मन से श्रद्धा-भक्ति से भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करते हैं, उन्हे कामिका एकादशी के दिन पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों में हर दिन का विशेष महत्त्व है और एकादशी के दिन को कई वजहों से शुभ माना जाता है. हर महीने आने वाली एकादशी का अलग-अलग महत्त्व है. कामिका एकादशी के बाद अब पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई को आएगा. इस व्रत की कथा के साथ हम अपने लेख में आपको इसकी महत्त्वता और पूजा की विधि के बारे में भी बताएं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Sonu Sood WhatsApp Blocked: 2 दिन से बंद है सोनू सूद का व्हाट्सएप अकाउंट, नहीं कर पा रहे हैं जरूरतमंदों की मदद
-
Sahil Khan Arrested: महादेव बेटिंग ऐप केस में मुंबई पुलिस ने उठाया बड़ा कदम , एक्टर साहिल खान हुए गिरफ्तार
-
Samantha Ruth Birthday: साउथ इंडस्ट्री की दिवा 37 साल की हुईं आज, ऐसा रहा है सामंथा का फिल्मी करियर
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट