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Jyeshtha Pradosh Vrat 2022 Date, Time and Significance: इस शुभ योग में पड़ रहा है ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत... जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

Jyeshtha Pradosh Vrat 2022 Date, Time and Significance: ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस बार प्रदोष व्रत 27 मई, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है.

Updated on: 19 May 2022, 11:14 AM

नई दिल्ली :

Jyeshtha Pradosh Vrat 2022: हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है. किसी विशेष कामना के लिए भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत रखने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत का रखा जाना व्यक्ति के जीवन में अत्यंत शुभ फल लाता है. ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस बार प्रदोष व्रत 27 मई, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. ज्योतिष अनुसार प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है, उसी के नाम से प्रदोष व्रत का नाम होता है. शुक्रवार के दिन पड़ने वाले व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन पूरी निष्ठा और सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं. इस व्रत से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

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ज्येष्ठ शुक्र प्रदोष व्रत 2022 तिथि
- हिंदू पंचाग के अनुसार, हर माह दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार के दिन पड़ रही है. 

- त्रयोदशी तिथि का आरंभ 27 मई, शुक्रवार दोपहर 11 बजकर 47 मिनट से आरंभ होगा और 28 मई दोपहर 01 बजकर 09 मिनट पर समापन होगा. इस दिन प्रदोष काल में पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. 

- इस दिन पूजन का समय 27 मई शाम 07 बजकर 12 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक है.

शुक्र प्रदोष व्रत 2022 योग
- 27 मई, शुक्रवार के दिन सौभाग्य योग, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. 

- ज्योतिष अनुसार सौभाग्य योग में पूजा पाठ सुख और सौभाग्य में वृद्धि कारक होता है. 

- वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग को मांगलिक कार्यों में भी शुभ माना गया है.