Janmastmi 2018: श्रीकृष्ण की थी आठ पटरानियां, इस तरह हुई सबसे शादी
प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण की 16,100 रानियां और 8 पटरानियां थी। इससे इतर राधा-श्रीकृष्ण उनकी प्रेयसी थीं। लेकिन यह प्यार विवाह के मंजिल तक नहीं पहुंच सकी।
नई दिल्ली:
प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण की 16,100 रानियां और 8 पटरानियां थी। इससे इतर राधा-श्रीकृष्ण उनकी प्रेयसी थीं। हालांकि यह प्यार विवाह के मंजिल तक नहीं पहुंच सकी लेकिन फिर भी लोग राधा-कृष्ण का ही नाम लेते हैं। कृष्ण की राधा के बारे में तो आप जानते होंगे। लेकिन आइए जानते हैं कृष्ण की उन 8 पटरानियों के साथ विवाह की कहानी-
लक्ष्मी की अवतार थी कृष्ण की पहली पत्नी रुक्मणी
भगवान कृष्ण की पहली पत्नी रुक्मणी थी। कहा जाता है कि वो मां लक्ष्मी की अवतार थीं। रुक्मणी विदर्भ के राजा भीष्मक की बेटी थीं। रुक्मणी कृष्ण से शादी करना चाहती थी, लेकिन उनके भाई इसके खिलाफ थे। हालंकि इसके बावजूद रुक्मणी ने भगवान कृष्ण से शादी की।
और पढ़ें : कृष्ण जन्माष्टमी : ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त, मिलेगा पूर्ण लाभ
श्रीकृष्ण की दूसरी पत्नी जामवंती
भगवान की दूसरी पत्नी जामवंती थी। कहा जाता है कि कृष्ण पर मणि चुराने का आरोप लगा था। इस आरोप को झूठा साबित करने के लिए वो मणि की तलाश में निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने पता चला कि यह पूर्व जन्म के भक्त जामवंत के पास है। जब वो उनके पास गए तो जामवंत उनसे युद्ध करने लगा। कहा जाता है युद्ध के दौरान जामवंत को श्रीकृष्ण में राम दिखाई दिए। इसलिए उन्होंने मणि मथुरा नरेश को दे दी। इतना ही नहीं जामवंती से उनका विवाह भी करा दिया।
तीसरी पत्नी थीं सत्यभामा
सत्यभामा सत्राजित की बेटी थीं। पुराणों की मानें तो जिस मणि को चोरी करने का आरोप इनपर लगा था वो सत्राजित की ही थी। जब कृष्ण ने जामवंत से वो मणि लाकर दिया तो सत्राजित लज्जित हो गया और आरोप के लिए माफी मांगी। जिसके बाद सत्राजित ने अपनी बेटी की शादी कृष्ण से करा दी।
मथुरा नरेश की चौथी पत्नी कालिंदी
पांडवों के लाक्षागृह से कुशलतापूर्वक बच निकलने पर सात्यिकी आदि यदुवंशियों को साथ लेकर श्रीकृष्ण पांडवों से मिलने के लिए इंद्रप्रस्थ गए। इस दौरान वो अर्जुन के साथ वन में घूम रहे थे। जिस वन में वे विहार कर रहे थे वहां पर सूर्य पुत्री कालिन्दी, श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की कामना से तप कर रही थी। कालिन्दी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उसके साथ विवाह कर लिया।
मित्रविन्दा कृष्ण की पाचवीं पत्नी
पुराणों में लिखा हुआ है कि अर्जुन के साथ कृष्ण एक दिन उज्जयिनी गई। वहां की राजकुमारी मित्रविन्दा उनके साथ शादी करना चाहती थी, लेकिन मित्रविन्दा के भाई विंद और अनुविंद इसके खिलाफ थे। उन्होंने मित्रविन्दा की शादी के लिए स्वयंवर का आयोजन किया। लेकिन कृष्ण मित्रविन्दा को जबरदस्ती उठाकर ले गए।
छठवीं पत्नी नग्नजिति कौशल की थी राजकुमारी
भगवान श्रीकृष्ण की छठवीं पत्नी सत्या थीं। इनका नाम नग्नजिति भी था। एक दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कौशल के राजा नग्नजित के 7 बैलों को एकसाथ नाथ कर उनकी कन्या सत्या से पाणिग्रहण किया।
सातवीं पत्नी रोहिणी ने स्वयंवर में चुना था कृष्ण को
भगवान श्रीकृष्ण की सातवीं पत्नी रोहिणी थी। उन्होंने स्वयंवर के दौरान खुद कृष्ण को अपने पति के रूप में चुना था। वो कैकेय की राजकुमारी थी।
आठवीं पत्नी लक्ष्मणा को हरकर लाए थे कृष्ण
भद्र देश की राजकुमारी लक्ष्मणा भी कृष्ण को चाहती थी, लेकिन परिवार कृष्ण से विवाह के लिए राजी नहीं था। तब लक्ष्मणा को श्रीकृष्ण अकेले ही हरकर ले आए। लक्ष्मणा के पिता का नाम वृहत्सेना था।
और पढ़ें : Janmashtami 2018: मथुरा में मनाएं इस बार जन्माष्टमी, जानें कैसे 1 दिन में घूमें कृष्ण जन्मभूमि
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय