पाकिस्तान में इस तरह मनाई जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भक्त चढ़ाते हैं 56 भोग

Janmashtami 2025: देश में हर साल जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं भारत के अलावा पाकिस्तान में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है.

Janmashtami 2025: देश में हर साल जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं भारत के अलावा पाकिस्तान में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है.

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Nidhi Sharma
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Janmashtami 2025

Janmashtami 2025: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व काफी खास महत्व रखता है. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त यानि कल धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दौरान भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. वहां भी रात में लोग भगवान कृष्ण के मंदिर में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

52 फीसदी से ज्यादा हिंदू

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पाकिस्तान में अक्सर हिंदू मंदिरों पर हमले और मंदिरों की संख्या कम हो रही है. पाकिस्तान में भी कई सारे श्रीकृष्ण मंदिर हैं, जहां जन्माष्टमी सेलिब्रेट करते हैं. पाकिस्तान के अमरकोट में हर साल जन्माष्टमी सेलिब्रेशन की तस्वीरें सामने आती हैं. यहां पर करीब 52 फीसदी से ज्यादा आबादी हिंदुओं की है. यहां पर भी भारत की तरह से हिंदू मंदिरों को सजाया जाता है.

इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण

भारत की तरह से पाकिस्तान में भी लोग अपने छोटे बच्चों को श्रीकृष्ण की ड्रेस पहनाते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. पाकिस्तान में इस्कॉन मंदिर भी हैं, जैसे कि कराची, लरकाना, हैदराबाद और सिंध में भी जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस्लामाबाद में श्रीकृष्ण के मंदिर निर्माण को लेकर विवाद भी रहा है, लेकिन हिंदू समुदाय को मंदिर के लिए चारदीवारी और श्मशान बनाने की अनुमति दी गई है.

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56 भोग चढ़ाते है 

यहां पर भी जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रहते हैं और श्रीकृष्ण की मूर्तियों को सजाते हैं, व रात के वक्त में खास पूजा और आरती करते हैं. यहां पर भी भगवान को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है. रावलपिंडी के कृष्ण मंदिर से लेकर कराची के स्वामीनारायण मंदिर और लाहौर व क्वेटा के इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) 

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