Jaldi Vivah Ke Upay: जल्द विवाह के लिए आज जरूर करें माता पार्वती के ये उपाय, विवाह में नहीं होगी देरी

माता पार्वती हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति और प्रेम की देवी माना जाता है. वह भगवान शिव की पत्नी हैं. माता पार्वती का नाम 'पार्वती' संस्कृत शब्द 'पार्वत' से आया है, जिसका अर्थ होता है 'पर्वती' या 'पहाड़ी रानी'.

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Inna Khosla
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jaldi vivah ke upay do these remedies of goddess parvati today for early marriage

Jald Vivah Ke Upay( Photo Credit : News Nation)

Jaldi Vivah Ke Upay: माता पार्वती हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति और प्रेम की देवी माना जाता है. वह भगवान शिव की पत्नी हैं. माता पार्वती का नाम 'पार्वती' संस्कृत शब्द 'पार्वत' से आया है, जिसका अर्थ होता है 'पर्वती' या 'पहाड़ी रानी'. उनकी विभूतियों की कई पौराणिक कथाएं हैं. माता पार्वती को भूमि, वन्दना, गौरी, जगदंबा, शैलपुत्री, हेमवती, उमा, आदि के नामों से जाना जाता है। वह शैव और शाक्त शैली में भी पूजी जाती हैं. माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह किया था. उनका विवाह कैलास पर्वत पर हुआ था. भक्तों द्वारा माता पार्वती की आराधना का विशेष महत्व है. उन्हें नावपत्नी, कुमारी, महाकाली, महागौरी, चंद्रघंटा, ब्रह्मचारिणी, कात्यायनी, शैलपुत्री, सिद्धिदात्री, इत्यादि रूपों में पूजा जाता है. माता पार्वती का वर्णन महाभारत, पुराण, रामायण, और तान्त्रिक ग्रंथों में मिलता है. वे आदिशक्ति और सर्वशक्तिमान देवी मानी जाती हैं. माता पार्वती शक्ति और प्रेम की देवी हैं. उन्हें ध्यान में लाने से व्यक्ति में शक्ति, साहस, और प्रेम की भावना उत्पन्न हो सकती है. माता पार्वती के दो प्रमुख स्वरूप हैं - मां सती और मां काली. वे सती रूप में भगवान शिव की पत्नी बनीं थीं, जबकि माँ काली उनकी भयानक रूप में पूजी जाती हैं. उनकी पूजा करने से विवाह में आने वाली कठिनाइयों का समाधान हो सकता है. माता पार्वती भगवान शिव की सहधर्मिणी हैं और उन्हें सती, उमा, गौरी, दुर्गा, आदि के रूपों में पूजा जाता है. उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति, सौभाग्य, और प्रेम की प्राप्ति होती है.

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माँ पार्वती का पूजन: माता पार्वती की पूजा करना विवाह के लिए बहुत ही प्रभावी है. रोज़ाना उनकी मूर्ति, या तस्वीर को स्थान स्थान पर पूजन करना और उन्हें स्वीकृति दिलाने के लिए मन्त्रों का जाप करना विवाह की दिशा में मदद कर सकता है. 

पार्वती व्रत: विशेष रूप से तीसरे दिन, अष्टमी तिथि, और नवमी तिथि को माता पार्वती का व्रत करना विवाह के लिए शुभ माना जाता है.

शुक्र मंत्र: शुक्र मंत्र "ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का जाप करना भी विवाह में सहायक हो सकता है. इस मंत्र का नियमित रूप से 108 बार का जाप करना शुक्र की शुभ दृष्टि को बढ़ा सकता है.

गौशाला में सेवा: माता पार्वती के प्रिय देवता नंदनी गौमाता हैं. गौशाला में सेवा करना और गौयों को आच्छादित करना भी विवाह की दिशा में प्रेरित कर सकता है.

अष्टलक्ष्मी व्रत: अष्टलक्ष्मी व्रत भी माता पार्वती की कृपा को प्राप्त करने में मदद कर सकता है. इस व्रत में महिलाएं अष्टलक्ष्मी की पूजा करती हैं और उन्हें अन्न, वस्त्र, और धन का दान करती हैं.

उपायपुरुष कथा: उपायपुरुष कथा का पाठ करना भी विवाह की प्राप्ति में सहायक हो सकता है. इस कथा को शुक्रवार को सुनना शुभ माना जाता है.

अर्घ्य से संबंधित उपाय: रोज़ाना सूर्योदय से पहले गंगा नदी के तट पर जाकर अर्घ्य देना विवाह के लिए शुभ माना जाता है.

कुंडली मिलान: ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह के लिए कुंडली मिलान करना भी महत्वपूर्ण है. यह दो जीवन संगी के हर्ष और संबंधों की सुरक्षा की गारंटी प्रदान कर सकता है.

श्री सूक्त पाठ: श्री सूक्त का नियमित पाठ भी विवाह की दिशा में शुभ होता है.

विवाहिता कुमारिका पूजन: विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान के लिए कुमारिका पूजन करना भी एक विकल्प हो सकता है.

ये उपाय विवाह की इच्छा करने वाले व्यक्तियों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी उपाय को करने से पहले ज्योतिषशास्त्र या गुरु की सलाह लेना उचित है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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