बिहार में बकरीद की धूम, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे चर्चित शिक्षक खान सर के संस्थान
कटरा-श्रीनगर वंदे भारत : यात्री बोले- सड़क से सफर में लगता था 12 घंटा, अब लग रहे महज 3 घंटे
केंद्र ने वैज्ञानिक उपकरण और उपभोग्य सामग्रियों के प्रोक्योरमेंट के लिए जीएफआर नियमों को बनाया आसान
Symptoms of Kidney Damage: किडनी डैमेज होने पर पैरों के आसपास दिखते हैं ये लक्षण
भारत का लक्ष्य 5 मध्य एशियाई देशों के साथ मिलकर दुर्लभ खनिजों की खोज करना
फिल्म इंडस्ट्री में 'क्वीर' किरदारों को स्वीकार करने की जरूरत: अक्षय ओबेरॉय
डायरेक्टर एटली की फिल्म में दीपिका पादुकोण की एंट्री, अल्लू अर्जुन संग आएंगी नजर
सुनील शेट्टी के घर में छाया मातम, परिवार के इस सदस्य की हुई मौत, बेटा-बेटी का हुआ ऐसा हाल
शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर लगाया 'सेना, सांसद और संवैधानिक संस्थाओं के अपमान' का आरोप

Jagannath Rath Yatra 2022 Mahaprasad Aur Mausi: रथ यात्रा के बाद विश्राम के लिए भगवान जगन्नाथ जाते हैं अपने इस रिश्तेदार के घर, जानें क्या है इसके पीछे का सच

Jagannath Rath Yatra 2022: ये तो सभी जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ यात्रा के बाद शयन पर जाते हैं लेकिन माना जाता है कि वो विश्राम करने अपने मौसी के घर जाते हैं. क्या है इसके पीछे की कहानी चलिए जानते हैं.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Jagannath Rath Yatra 2022 Mahaprasad Aur Mausi

यात्रा के बाद विश्राम के लिए भगवान जगन्नाथ जाते हैं इस रिश्तेदार के घर( Photo Credit : News Nation)

Jagannath Rath Yatra 2022: हर साल की तरह इस बार भी आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की शुरूआत होने वाली है. पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार 01 जुलाई, शुक्रवार से शुरू होगी. रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा का रथ भी निकाला जाता है. तीनों अलग-अलग रथ में सवार होकर यात्रा पर निकलते हैं. रथ यात्रा का समापन आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर होता है. मान्यताओं के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है और बहुत सी विधियां या परम्पराएं अत्यंत ही अनोखे रूप से पालन की जाती हैं. न सिर्फ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़ी बातें अनूठी हैं बल्कि स्वयं भगवान जगन्नाथ भी रहस्यमयी हैं. ये तो सभी जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ यात्रा के बाद शयन पर जाते हैं लेकिन माना जाता है कि वो विश्राम करने अपने मौसी के घर जाते हैं. 

Advertisment

यह भी पढ़ें: Jagannath Rath Yatra 2022 Amazing Facts: 1 जुलाई से शुरू हो रही है जगन्नाथ रथ यात्रा, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

मौसी के घर विश्राम करने जाते हैं भगवान जगन्नाथ 
आषाढ़ माह की शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को ढोल, नगाड़ों, तुरही और शंखध्वनि के साथ रथ को लोग खींचते हैं. जिसे रथ खींचने का सौभाग्य मिल जाता है, वह महाभाग्यशाली माना जाता है. जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा शुरू होकर 3 कि.मी. दूर गुंडीचा मंदिर पहुँचती है. इस स्थान को भगवान की मौसी का घर भी माना जाता है. 

एक अन्य मान्यता के अनुसार यहीं पर विश्वकर्मा ने इन तीनों प्रतिमाओं का निर्माण किया था, अतः यह स्थान जगन्नाथजी की जन्मस्थली भी है. यहां पर तीनों लोग सात दिनों के लिए विश्राम करते हैं. फिर आषाढ़ माह के दसवें दिन सभी रथ पुनः मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं. वापसी की यह यात्रा बहुड़ा यात्रा कहलाती है. जगन्नाथ मंदिर पहुंचने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देव-विग्रहों को पुनः प्रतिष्ठित किया जाता है.

यह भी पढ़ें: Amarnath Yatra 2022: 'हर हर महादेव' के जयकारे के साथ शुरू हुई परम पावन मोक्षदायनी अमरनाथ यात्रा, श्रद्धालुओं में दिखा अद्भुत उत्साह

जगन्नाथ मंदिर का 'महाप्रसाद'
सभी हिंदू मंदिरों में भगवान की पूजा-आराधना और अनुष्ठान करने बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है. लेकिन जगन्नाथ मंदिर ही एक अकेला ऐसा मंदिर है जहां का प्रसाद 'महाप्रसाद' कहलाता है. यह महा प्रसाद जगन्नाथ मंदिर में आज भी पुराने तरीके से मंदिर की रसोई में बनता है. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है. महाप्रसाद को मिट्टी के 7 बर्तनों में रखकर पकाया जाता है. 

इन 7 बर्तनों को एक के ऊपर रखकर पकाया जाता है. सबसे खास बात है कि सबसे ऊपर रखा हुआ मिट्टी के बर्तन में प्रसाद सबसे पहले पकता है फिर उसके नीचे की तरफ रखा हुआ बर्तन में प्रसाद एक के बाद एक पकता है. महाप्रसाद को पकाने में सिर्फ लकड़ी और मिट्टी के बर्तन का ही प्रयोग किया जाता है. मंदिर में बनने वाला महाप्रसाद कभी भी लोगों को कम नहीं पड़ता है.

उप-चुनाव-2022 Jagannath Rath date and time Jagannath Rath Yatra 2022 मौसी के घर विश्राम करने जाते हैं भगवान जगन्नाथ Jagannath Rath Yatra 2022 Mahaprasad
      
Advertisment