Shab-e-Barat: शब-ए-बारात पर इस्लामिक सेंटर ने जारी की 7 सूत्रीय एडवाइजरी, जानें इस्लाम में विशेष महत्व रखने वाली रात कब है

Shab-e-Barat: शब-ए-बारात की रात को इस्लाम धर्म में 'रहमतों की रात' कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस रात अल्लाह तआला लोगों के अगले साल के भाग्य का फैसला करते हैं.

Shab-e-Barat: शब-ए-बारात की रात को इस्लाम धर्म में 'रहमतों की रात' कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस रात अल्लाह तआला लोगों के अगले साल के भाग्य का फैसला करते हैं.

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Inna Khosla
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Shab-e-Barat Photograph: (News Nation)

Shab-e-Barat: शब-ए-बारात इस्लाम धर्म में एक महत्वपूर्ण रात मानी जाती है, जिसे इबादत, तौबा (प्रायश्चित) और दुआओं की रात कहा जाता है. इसे इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं रात को मनाया जाता है. इस रात को मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगते हैं और अपने परिजनों व पूर्वजों के लिए दुआएं करते हैं. लोग कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों की मगफिरत (मोक्ष) के लिए दुआ मांगते हैं. यह आत्मविश्लेषण और अल्लाह की इबादत करने की रात होती है.

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शब-ए-बारात की रात क्या करें?

इस रात को विशेष नमाज पढ़ी जाती है और अल्लाह से रहमत मांगी जाती है. अपने गुनाहों की माफी मांगकर बेहतर जीवन की राह पर चलने का संकल्प लें. अगले दिन रोजा रखना भी पुण्यकारी माना जाता है. जरूरतमंदों की मदद करना और इस रात दान-दक्षिणा का भी विशेष महत्व बताया गया है. 

शब-ए-बारात कब मनाई जाएगी?

हर साल शब-ए-बारात की तारीख इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार बदलती रहती है. इस साल 13 फरवरी के दिन ये मनायी जाएगी. 

इस्लामिक सेंटर ने जारी की शब-ए-बारात के लिए 7 सूत्रीय एडवाइजरी

लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ने शब-ए-बारात के मौके पर देशभर के मुसलमानों के लिए एक 7 सूत्रीय एडवाइजरी जारी की है. इस्लामिक धर्मगुरुओं ने अपील की है कि इस खास रात को पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ मनाया जाए.

एडवाइजरी के मुख्य बिंदु

  1. इबादत और तिलावत पर दें जोर - इस रात अल्लाह से दुआ करें और ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत करें.
  2. कब्रिस्तान जाने में संयम बरतें - मृतकों के लिए फातेहा पढ़ें लेकिन भीड़भाड़ से बचें.
  3. सड़कों पर हुड़दंग न करें - बाइक स्टंट और पटाखे फोड़ने जैसी गतिविधियों से परहेज करें.
  4. सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाएं - किसी भी भ्रामक पोस्ट को शेयर करने से बचें.
  5. गरीबों की मदद करें - जरूरतमंदों को दान दें और खैरात बांटें.
  6. सादगी से इबादत करें - दिखावे और फिजूलखर्ची से बचें.
  7. कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखें - प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.

इस्लामिक सेंटर ने सभी से अनुरोध किया है कि इस पवित्र रात को इबादत और आत्मचिंतन में बिताएं और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से दूर रहें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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