ISKCON Pujari Arrest: इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी हुए गिरफ्तार, सिलसिलेवार आरोप से गिरफ्तारी तक समझें पूरा मामला

ISKCON Pujari Arrest: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी कुल जनसंख्या का 8% ही है. हिंदू धर्म और उनके पुजारियों पर यहां जिस तरह से हमले हो रहे हैं उससे स्थितियां बिगड़ती नज़र आ रही हैं.

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Inna Khosla
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ISKCON Pujari Arrest Chinmoy Krishna Das Brahmachari

ISKCON Pujari Arrest Chinmoy Krishna Das Brahmachari

ISKCON Pujari Arrest: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख धार्मिक नेता इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. इस घटना के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया है. कई लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई हिंदू नेताओं को दबाने और उनके धार्मिक अधिकारों को सीमित करने का प्रयास है. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और इस घटना ने उनकी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.

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सिलसिलेवार समझें पूरा मामला

रैली का आयोजन 25 अक्टूबर 2024 को चटगांव में सनातन जागरण मंच द्वारा हिंदू समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के लिए एक रैली आयोजित की गई.  उन पर आरोप है कि इस रैली के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया. 

ध्वज विवाद रैली के दौरान, बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाया गया, जिसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना गया. पुलिस के अनुसार प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराना देशद्रोह है.

मामला दर्ज इस घटना के बाद, चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी और अन्य 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया. 

गिरफ्तारी ढाका खुफिया पुलिस अधिकारियों ने उन्हें ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया.

बांग्लादेश में हिंदू धर्म पर मंडराता खतरा

हाल के वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. इसमें मंदिरों पर हमले, संपत्ति की तोड़फोड़ और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी शामिल है. चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी ने हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना को बढ़ाया है. इससे धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं. इन घटनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से अधिक मंदिर हैं जो हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लगे आरोपों ने हिंदू समुदाय में गहरा आक्रोश और चिंता पैदा की है. सरकार से अपेक्षा है कि वह निष्पक्ष जांच कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी ताकि देश में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं देश में सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती हैं. हिंदू समुदाय के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि वे निष्पक्ष जांच करें और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें. बांग्लादेश की सरकार ने आश्वासन दिया है कि वे सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हालांकि जमीन पर स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सभी समुदायों के बीच विश्वास और सुरक्षा की भावना बनी रहे.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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