Is Hinduism in danger? भारत एक बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है, जहां हजारों वर्षों से अलग-अलग धर्मों का विकास और सह-अस्तित्व हुआ है. हिंदू धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है जबकि इस्लाम देश में लगभग 7वीं सदी से आया और समय के साथ इसका प्रभाव बढ़ा. यह समझने के लिए कि क्या हिंदू धर्म वास्तव में संकट में है और इस्लाम का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा है इसके लिए हमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वर्तमान परिस्थितियों को भी देखना होगा.
भारत में इस्लाम का आगमन और प्रभाव
इस्लाम भारत में अरब व्यापारियों के माध्यम से आया. 7वीं सदी के बाद मुस्लिम शासकों ने यहां अपनी सत्ता स्थापित की जैसे दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य. इस्लाम ने भारतीय संस्कृति, वास्तुकला, कला, और संगीत पर गहरा प्रभाव डाला. ताजमहल, कुतुब मीनार जैसे स्मारक इस प्रभाव का उदाहरण हैं. भारत में इस्लाम के आगमन ने धार्मिक विविधता को बढ़ावा दिया जो संघर्ष और समन्वय दोनों का कारण भी बना.
हिंदू धर्म पर इस्लाम का प्रभाव
भक्ति आंदोलन के संतों, जैसे कबीर और गुरु नानक देव ने हिंदू और इस्लामी विचारों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की. मुस्लिम आक्रमणकारियों के दौरान कई हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचा जिससे हिंदू समाज में आक्रोश और प्रतिरोध का भाव जागा. इस्लाम की समानता और भाईचारे की अवधारणा ने हिंदू धर्म के भीतर जाति-प्रथा और अन्य सामाजिक बुराइयों पर पुनर्विचार करने को मजबूर किया.
क्या हिंदू धर्म संकट में है?
भारत में हिंदू धर्म अभी भी बहुसंख्यक धर्म है. लगभग 80% भारतीय हिंदू हैं. पिछले कुछ दशकों में धार्मिक पहचान का राजनीतिकरण बढ़ा है, जिससे हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच ध्रुवीकरण हुआ है. पश्चिमी संस्कृति और आधुनिकीकरण के प्रभाव से परंपरागत हिंदू रीति-रिवाजों और मूल्यों में कमी देखी जा रही है. हिंदू समाज में इस्लाम और ईसाई धर्म में रूपांतरण एक बड़ा मुद्दा है. इसने धार्मिक संगठनों को धर्म की रक्षा के लिए संगठित होने के लिए प्रेरित किया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)