Horrified Temple For Married Man: भारत का इकलौता ऐसा मंदिर जहां जाने से कांपती है शादीशुदा मर्दों की रूह, हैरतंगेज और अटपटी है वजह
यूं तो मंदिरों में स्त्री और पुरुष दोनों का ही प्रवेश सम्मत है. दोनों ही पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान के दर्शन कर सकते हैं. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां जाने में शादीशुदा पुरुषों की रूह कांप जाती है.
यूं तो मंदिरों में स्त्री और पुरुष दोनों का ही प्रवेश सम्मत है. दोनों ही पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान के दर्शन कर सकते हैं. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां जाने में शादीशुदा पुरुषों की रूह कांप जाती है.
भारत का इकलौता ऐसा मंदिर जहां जाने से कांपती है शादीशुदा मर्दों की रूह( Photo Credit : Social Media)
यूं तो मंदिरों में स्त्री और पुरुष दोनों का ही प्रवेश सम्मत है. दोनों ही पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान के दर्शन कर सकते हैं. वहीं, शादीशुदा जोड़े की बात करें तो आमतौर पर लगभग सभी धर्मों में रिवाज है कि दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं. मशहूर मंदिरों या धार्मिक स्थलों में माथा टेकते हैं. लेकिन हमारे देश में एक मंदिर ऐसा है जहां शादी के बाद लड़के जाने से डरते हैं. एक ऐसा मंदिर जहां जाने में शादीशुदा पुरुषों की रूह कांप जाती है (Horrified Temple For Married Man). यहां विवाहित पुरुष गलती से भी नहीं जाते वरना उन्हें एक शाप के चलते खासी मुसीबतें उठानी पड़ती हैं.
राजस्थान में स्थिति ब्रह्माजी के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मंदिर में नवविवाहित लड़के जाने से डरते हैं. मान्यता है कि यदि नवविवाहित लड़के इस मंदिर में आए तो उन्हें अपने दांपत्य में मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. इसके पीछे वजह है ब्रह्माजी को उनकी पत्नी द्वारा दिया गया एक शाप. पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना के लिए राजस्थान के पुष्कर में यज्ञ का आयोजन किया था.
इस यज्ञ में उन्हें पत्नी के संग बैठना था, लेकिन उनकी पत्नी सावित्री को आने में देर होती देख उन्होंने नंदिनी गाय के मुख से गायत्री को प्रकट किया और उनसे विवाह कर यज्ञ करने लगे. जब सावित्री पहुंचीं तो ब्रह्माजी के बगल में अपनी जगह किसी अन्य स्त्री को यज्ञ में बैठे देख क्रोधित हो गईं और शाप दिया कि जिस संसार की रचना करने के लिए आप मुझे भुला बैठे वही संसार आपको नहीं पूजेगा.
जो विवाहित पुरुष आपके इस मंदिर में प्रवेश करेगा उसके वैवाहिक जीवन में परेशानियां आएंगी. यही पजह है कि इस मंदिर में कुंवारे लड़के-लड़कियां और शादीशुदा महिलाएं तो आती हैं लेकिन विवाहित व्यक्ति नहीं आते. पुष्कर के इस मंदिर के पास उनकी पत्नी सावित्रीजी का मंदिर अलग एक पहाड़ी पर बना हुआ है. कहा जाता है कि गुस्सा शांत होने पर ब्रह्माजी की पत्नी सावित्री पुष्कर के पास पहाड़ियों पर जाकर तपस्या में लीन हो गईं और फिर वहीं की होकर रह गईं.
इस मंदिर में महिलाएं प्रसाद के तौर पर मेहंदी, बिंदी और चूड़ियां जैसी श्रृंगार सामग्री चढ़ाती हैं और अपनी पति की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं.