Kalawa Changing and Tie Rules: हाथ में कलावा बांधने का जानें वैज्ञानिक महत्व और नियम, वरना झेलना पड़ सकता है नुकसान

हाथ में कलावा बांधने से तीनों महादेवियों महालक्ष्मी, मां सरस्वती, मां काली की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को हर संकटों से छुटकारा (benefits of wearing kalava) मिलता है. इसलिए, कलावे या मौली को बंधवाने और उतारने के कुछ नियम होते हैं.

हाथ में कलावा बांधने से तीनों महादेवियों महालक्ष्मी, मां सरस्वती, मां काली की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को हर संकटों से छुटकारा (benefits of wearing kalava) मिलता है. इसलिए, कलावे या मौली को बंधवाने और उतारने के कुछ नियम होते हैं.

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Megha Jain
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Kalawa scientific reason

Kalawa scientific reason ( Photo Credit : social media)

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले लाल धागा बांधा (Rules of tie Kalawa) जाता है. जिसे कलावा भी कहते हैं. ये कलावा सूती धागे का बना होता है. इसलिए, कुछ दिनों बाद ही ये बदरंग और ढीला हो जाता है. इसी वजह से लोग इसे बिना सोचे समझे कहीं भी उतारकर रख देते हैं. ऐसा माना गया है कि कलावे को बेवक्त खोलना और यहां-वहां कहीं भी रख देना बिल्कुल भी शुभ नहीं होता. हिंदू धर्म शास्त्रों में कलावे (Kawala badhne ke niyam) का बहुत महत्व माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हाथ में कलावा बांधने से तीनों महादेवियों महालक्ष्मी, मां सरस्वती, मां काली की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को हर संकटों से छुटकारा (benefits of wearing kalava) मिलता है. इसलिए, कलावे या मौली को बंधवाने और उतारने के कुछ नियम होते हैं. उसके अनुसार ही कलावे को बांधना और बदलना चाहिए. तो, चलिए जानते हैं वे नियम क्या हैं.    

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कलावे का महत्व -

हिंदू धर्म में जिस तरह से कलावे का महत्व होता है. उसी तरह से इसे बांधने, उतारने या बदलने के नियम भी निर्धारित किए गए हैं. इन्हीं नियमों को ध्यान में रखकर ही कलावा बांधना और उतारना (Important Rules For Kalawa) चाहिए.   

कब बांधे कलावा -

हिंदू धर्म में कलावा मांगलिक कार्यों, पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ वगैराह के समय बांधा जाता है. इसके अलावा जब ये कलावा पुराना या खराब हो जाए तो, इसे बदलना भी बहुत जरूरी होता है. कलावे को हमेशा तीन या पांच राउंड घुमाकर ही हाथों में बांधना चाहिए. 

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कब खोलें कलावा -

जिस तरह से कलावे को हाथ में बंधवाने के कुछ नियम है. उसी तरह से इसे खोलने के भी कुछ नियम है. इसके बावजूद भी लोग इसे उतार देते हैं. लेकिन, ऐसा करना बहुत गलत है. शास्त्रों के मुताबिक, कलावा उतारने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है. इस दिन आप इसे उतारकर नया कलावा हाथ में बांध सकते हैं. इसे आप विषम संख्या वाले दिन भी उतार सकते हैं. बस, इस बात का ध्यान रखें कि इन विषम संख्या वाले दिन में मंगलवार, शनिवार ना पड़ रहा हो.        

कलावे से टलते हैं संकट -

हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों के दौरान हाथों में कलावा बांधना बहुत शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, हाथ में कलावा बांधने से जीवन में आने वाले संकट टल जाते हैं. हालांकि, कलावा बांधने के बाद जल्द यह पुराना पड़ जाता है या इसका रंग फीका पड़ जाता है. ऐसे में लोग इसे उतारने या बदलने (Important Rules For Tie Kalawa) लगते हैं.       

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कलावा बांधने का वैज्ञानिक महत्व -

वैज्ञानिक दृष्टि से कलावा बांधना स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है. शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है. कलाई में मौली बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है. इसके साथ ही अगर कोई बीमारी है तो वह भी नहीं बढ़ती है. इसके साथ ही कलावा बांधने से त्रिदोष-वात, पित्त और कफ का शरीर में सामंजस्य बना रहता है. सिर्फ इतना ही नहीं ब्ल्ड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज और लकवा जैसे रोगों से बचाव के लिए भी कलावा या मौली बांधना (Kalawa scientific reason) अच्छा होता है.      

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