Feeding the Hungry: सनातन धर्म में भूखों को खाना खिलाने का क्या है महत्व

Feeding the Hungry: भूखों को भोजन करना सबसे बड़ा पुण्य होता है. सनातन धर्म में इसका खास महत्व भी बताया गया है. तो आप अगर किसी गरीब व्यक्ति को भूखा देखें तो उसे भोजन जरूर करवाएं.

Feeding the Hungry: भूखों को भोजन करना सबसे बड़ा पुण्य होता है. सनातन धर्म में इसका खास महत्व भी बताया गया है. तो आप अगर किसी गरीब व्यक्ति को भूखा देखें तो उसे भोजन जरूर करवाएं.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
Feeding the Hungry in sanatan dharma

Feeding the Hungry in sanatan dharma( Photo Credit : social media)

Feeding the Hungry: सनातन धर्म में भूखों को खाना खिलाना एक पुण्य कार्य माना जाता है. यह न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि मानवता के प्रति भी हमारा दायित्व है. सनातन धर्म एक प्राचीन धर्म है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे 'अद्वैत वेदांत' का भी कहा जाता है, जिसमें ब्रह्मांड और व्यक्ति के बीच एकता का सिद्धांत है. सनातन धर्म में कई शाखाएँ, दर्शन और धाराएँ हैं जैसे कि हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, और सिख धर्म. इसके मूल तत्वों में ध्यान, ध्यान, कर्म और भक्ति का महत्व होता है. यह धर्म जीवन के उद्देश्य को मानता है, जिसमें मोक्ष और आत्मज्ञान की प्राप्ति शामिल है. सनातन धर्म के अनुयायी धर्म, अहिंसा, सहानुभूति, और समरसता के प्रति समर्पित रहते हैं.

Advertisment

धार्मिक महत्व: पुराणों में इस बारे में पढ़ने को मिलता है. भूखों को भोजन खिलाने का महत्व सनातन धर्म के कई ग्रंथों में बताया गया है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि "जो व्यक्ति भूखे को भोजन करवाता है, उसे स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है." भूखों को भोजन करवाना एक धार्मिक कर्तव्य माना जाता है. हिंदू धर्म में, सभी प्राणियों को भगवान का रूप माना जाता है. भूखे को भोजन खिलाना भगवान की सेवा करने का एक तरीका है. भोजन दान को सबसे उत्तम दानों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि भोजन दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्त होता है. 

मानवीय महत्व: सनातन धर्म में भूखों को भोजन खिलाना सबसे बड़ी मानवीय सेवा बतायी गयी है. दुनिया में आज भी लाखों लोग भूखे रहते हैं. भूखों को भोजन खिलाकर हम उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं. यह समाज में समानता लाने का एक तरीका है. भूखों को भोजन खिलाकर हम समाज में गरीबी और भेदभाव को कम कर सकते हैं. सहानुभूति और करुणा का भाव पैदा करता है. जब हम भूखों को भोजन खिलाते हैं, तो हम उनके दुखों को समझते हैं और उनके प्रति सहानुभूति महसूस करते हैं.

अन्नदान सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है. अन्नदान में, लोगों को भोजन दान किया जाता है. देवी अन्नपूर्णा को भोजन की देवी माना जाता है. देवी अन्नपूर्णा की पूजा करने से भूखों को भोजन मिलता है. सनातन धर्म में लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी को मुफ्त भोजन दिया जाता है. इसके अलावा, भूखों को भोजन खिलाने के लिए हम कई तरह के कार्य कर सकते हैं. हम अपने घर में भूखे लोगों को भोजन खिला सकते हैं, या फिर किसी अन्नदान कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. हम भूखों को भोजन खिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ भी काम कर सकते हैं. भूखों को भोजन खिलाना एक छोटा सा कार्य है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है. यह एक व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकता है. हमें सभी को इस कार्य में अपना योगदान देना चाहिए और भूखों को भोजन खिलाकर एक बेहतर समाज का निर्माण करना चाहिए. सनातन धर्म में भूखों को खाना खिलाने का बहुत महत्व है. यह एक पुण्य कार्य है, जिसके धार्मिक और मानवीय दोनों महत्व हैं. हमें सभी को इस कार्य में अपना योगदान देना चाहिए.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read Also:Holika Dahan 2024: गलती से भी ये लोग न देखें होलिका दहन, भुगतना पड़ेगा भारी नुकसान

Source : News Nation Bureau

रिलिजन न्यूज Religion News in Hindi Religion Religion News bhuke ko khana khilana sanatan dharm Feeding the Hungry Sanatan Dharma
      
Advertisment